प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिफेंस एक्सपो 2022 के दौरान एक अधुनिक गन अपने हाथ में उठाई थी। जिसमें कोई नली यानी बैरल नहीं है, वही इस गन को बनाने वाली कंपनी ने इसका पहला सेट भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) को सौंप दिया है। लेकिन बिना नली वाली गन का उपयोग क्या है. क्यों पीएम मोदी ने इस गन के बारे में पूछताछ की. क्या उन्होंने इस गन को चलाकर देखा।
इस गन को बनाता है गुरुत्व सिस्टम्स (Gurutvaa Systems). इस गन का नाम है ड्रोनम (Dronaam). यह एक काउंटर अनमैन्ड एयरक्राफ्ट सिस्टम (Counter-unmanned aircraft systems) है। सामान्य भाषा में कहें तो इसे एंटी-ड्रोन गन बुला सकते हैं। ड्रोनम एक स्टेट-ऑफ-द-आर्ट मॉड्यूलर सिस्टम है, जो घुसपैठ करने वाले ड्रोन्स को मार गिराने में सक्षम है।
इस सिस्टम में ओमनी-डारेक्शनल कवरेज की सुविधा है। इसे डिसमाउंटेड या माउंटेड ऑपरेशन में इस्तेमाल कर सकते हैं। इस सिस्टम को एक Sci-Fi गन की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं। यह सिस्टम दुश्मन के ड्रोन के जीएनएसएस, कंट्रोल, वीडियो और टेलिमेट्री सिग्नल को जाम कर सकता है।
अक्सर ये खबर आती है कि पाकिस्तान की तरफ से ड्रोन सीमाई इलाकों में उड़ते देखे जाते हैं। कई बार हमारी सेना ने इ ड्रोन्स को मार गिराया है. जब्त किया है। जांच में हर बार पता चलता है कि ये ड्रोन पाकिस्तान से आया है. सीमा के पास रहने वाले स्थानीय निवासी भी इस बात को पुख्ता करते हैं कि उस पार से ड्रोन्स आते हैं. उड़ान भी भरते हैं।
#DRONAAM Counter-unmanned aircraft systems (C-UASs) https://t.co/ShuS0hueyy pic.twitter.com/cZidDDsRfr
— Defence Decode® (@DefenceDecode) October 20, 2022
इस गन में दो तरह के सिस्टम करते है काम
कोई भी एंटी ड्रोन सिस्टम दो तरह से काम करता है। पहली सॉफ्ट किल (Soft Kill) यानी किसी भी ड्रोन के संचार लिंक को तोड़ देना। यानी ड्रोन को जिस रिमोट या कंप्यूटर से उड़ाया जाए, उससे ड्रोन का संपर्क तोड़ देना। इससे ड्रोन दिशाहीन होकर गिर जाता है. वह उड़ना बंद कर देता है। उसे चलाने वाले का संपर्क टूटते ही ड्रोन किसी का काम का नहीं रहता।
दूसरा सिस्टम है हार्ड किल (Hard Kill) यानी इस काउंटर ड्रोन सिस्टम की रेंज में आते ही उस पर लेज़र हथियार से हमला किया जाता है। लेज़र हमले से ड्रोन के इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम खराब हो जाते हैं। वह जल जाता है. ये लेज़र सिस्टम बिना किसी धमाके के ही ड्रोन को मार गिराता है। यानी इसके रेंज में आते ही दुश्मन का ड्रोन या तो गिर जाएगा. या फिर गिरा दिया जाएगा।