मध्यप्रदेश के श्रम विभाग को मिला भारत सरकार का डिजीटल इंडिया अवार्ड-2020 

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इंदौर: साल ख़त्म होने को है और इसके बीते हुए दिनों का हिसाब किताब इन दिनों लगाया जा रहा है। बीते दिनों की ओर जाते हैं तो कोविड-19 विभीषिका के प्रारंभिक काल में समूचे देश में प्रवासी मज़दूरों के घर लौटने के दारुण दु:ख से भरी दास्तानें अभी भी सिहरन पैदा करती हैं। किन्तु ऐसी ही विभीषिका में मध्यप्रदेश की संवेदनशील सरकार द्वारा श्रमिकों के लिए किए गए काम को भारत सरकार से आज मान्यता मिली है। महामारी में नवाचार की श्रेणी में मध्यप्रदेश सरकार के श्रम विभाग को भारत सरकार का डिजिटल इंडिया अवार्ड आज प्राप्त हुआ है। देश के महामहिम राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद द्वारा आज यह पुरस्कार मध्यप्रदेश के प्रमुख सचिव श्रम श्री उमाकांत उमराव और आयुक्त श्रम श्री आशुतोष अवस्थी की टीम को प्रदान किया गया है।

उल्लेखनीय है कि भारत सरकार के “डिजीटल इंडिया अवार्ड-2020” की विभिन्न श्रेणियों में से “Innovation In Pandemic” श्रेणी के अंतर्गत नामांकन भरा गया नामांकन 23 नंवम्बर 2020 को ऑन-लाईन पोर्टल पर भरा गया। आवेदन भरे जाने हेतु “प्रवासी-श्रमिक एवं रोजगार सेतु पोर्टल” को नामंकित किये जाने का निर्णय लिया गया। भारत सरकार की ‘डिजीटल इंडिया अवार्ड-2020″ टीम द्वारा सभी नामांकनो का विस्तृत अध्ययन करते हुए चुनिंदा आवेदनो को आगामी चरण में प्रस्तुति देने हेतु पात्र पाया 14 दिसंबर 2020 को श्रमायुक्त, मुख्यालय की आई-टी शाखा एवं NIC भोपाल की टीम द्वारा भारत सरकार के “डिजीटल इंडिया अवार्ड-2020” की Jury के समक्ष उपलब्ध लिंक के माध्यम से ऑन-लाईन प्रस्तुति दी गयी।

मुख्यतः परियोजना की पृष्ठभूमि, उद्देश्य, सर्वेक्षण, क्रियांवयन संबंधित रणनीति, प्रचार-प्रसार, प्रशिक्षण, नियमित समीक्षाएं, उपलब्धियां, सांख्यिकी, पोर्टल संबंधित जानकारी, इत्यादि सम्मिलित किये गये। “डिजीटल इंडिया अवार्ड टीम” द्वारा “प्रवासी-श्रमिक” एवं “रोजगार सेतु” पोर्टल को डिजिटल इंडिया अवॉर्ड्म 2020 हेतु चयन किया गया है। यह पुरस्कार आज 30 दिसंबर को महामहिम राष्ट्रपति महोदय द्वारा श्री उमाकांत उमराव प्रमुख सचिव श्रम म.प्र. शासन के नेतृत्व में श्री आशुतोष अवस्थी श्रम आयुक्त, श्री छोटे सिंह, उप सचिव श्रम, श्री सुनील जैन, डायरेक्टर, एन.आई.सी. म.प्र. तथा श्री प्रभात दुवे अपर श्रमायुक्त को प्रदान किया गया। उल्ल्खनीय है कि कोविड-19 महामारी के कारण माह मार्च 2020 में संपूर्ण देश में लॉकडाउन कारण राज्य के निवासी प्रवासी श्रमिकों की वापसी की स्थिति निर्मित हुई थी।

सात लाख से अधिक श्रमिकों का किया गया पंजीयन
श्रम विभाग, म.प्र. शासन द्वारा राज्य में वापस लौटे इन प्रवासी मजदूरों का पंजीयन रोजगार सेतु पोर्टल के माध्यम से कराकर स्थानीय स्तर पर उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने का प्रयास किया गया। इस हेतु म.प्र. शासन द्वारा राज्य के मूल निवासी श्रमिक, जो प्रदेश के बाहर कार्यरत थे तथा 1 मार्च 2020 या उसके उपरांत म.प्र में लौटे है, उनके पंजीयन हेतु 27 मई से 3 जून 2020 एवं पुनः 26 अगस्त से 11 सितंबर 2020 के मध्य अभियान चलाया गया।

इस अभियान के अंतर्गत राज्य के सात लाख 40 हजार 434 प्रवासी श्रमिक रोजगार सेतु पोर्टल पर पंजीबद्ध किये गये। समस्त प्रवासी श्रमिकों की जानकारी उनके अनुभव कौशल एवं निवास जिले के अनुसार पोर्टल पर उपलब्ध कराई गई। उक्त पोर्टल पर श्रमिकों की आवश्यकता रखने वाले नियोजक/रोजगार प्रदाय करने वाले संस्थान जैसे सूक्ष्म, लघु, वृहद उद्योग, भवन निर्माता, बिल्डर्स, ठेकेदार, दुकान, मॉल, व्यावसायिक प्रतिष्ठान आदि द्वारा पंजीयन कराया गया। उनके द्वारा श्रेणी अनुसार प्रवासी श्रमिकों को रोजगार देने हेतु उपलब्ध रिक्तियाँ तथा जिन प्रवासी श्रमिकों को रोजगार दिलाया गया है, उसकी जानकारी दर्ज की गई है।

अब तक रोजगार सेतु पोर्टल पर 35 हजार 207 नियोक्ताओं द्वारा पंजीयन कराया गया है। 44 हजार 644 प्रवासी श्रमिकों को विभिन्न संस्थानों में नियोजन प्रदान किया गया। रोजगार सेतु पोर्टल पर दर्ज तीन लाख 75 हजार 240 प्रवासी असंगठित श्रमिकों को मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना में एवं पोर्टल पर दर्ज दो लाख 25 हजार 321 प्रवासी निर्माण श्रमिकों को भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल में पात्रतानुसार पंजीकृत किये जाने के निर्देश शासन द्वारा दिये गये हैं निर्देश के अनुपालन में विशेष अभियान 2 अक्टूबर 2020 से 1 जनवरी 2021 तक चलाया जाना है, अभी तक अभियान के अंतर्गत संबल योजना में एक लाख 90 हजार 644 श्रमिकों का पंजीयन तथा भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत 43 हजार 584 श्रमिकों का पंजीयन हो चुका है। उक्त श्रमिकों को पात्रतानुसार पंजीकृत कर संबंधित मण्डलों द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ प्रदान किया जाएगा।

मनरेगा में बने साढ़े तीन लाख से अधिक जाबकार्ड
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा सर्वे में अंकित प्रवासी श्रमिकों को मनरेगा में रोजगार उपलब्ध कराया गया है। प्रवासी श्रमिकों के मनरेगा योजना के अंतर्गत तीन लाख 66 हजार 135 जॉब कार्ड बनाये गये। दो लाख तीन हजार 757 प्रवासी श्रमिकों को नरेगा के कार्य मे नियोजित किया गया है।

प्रवासी श्रमिकों के रोजगार के अवसर सृजित किए जाने हेतु जिला स्तर पर 17 रोजगार मेले (Job Fair) भी लगाए गये हैं। राज्य सरकार द्वारा “म.प्र.राज्य प्रवासी श्रमिक आयोग” का गठन किया गया है। आयोग राज्य के प्रवासी श्रमिकों की सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति सदृढ करने हेतु सरकार को आवश्यक सुझाव प्रस्तुत करेगा। 13.10 लाख प्रवासी श्रमिकों एवं परिवार के सदस्यों को प्रधान मंत्री राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा आत्मनिर्भर भारत योजना के अंतर्गत निशुल्क राशन उपलब्ध कराया जा रहा है।

दूसरे राज्यों के श्रमिकों के प्रति भी मध्यप्रदेश रहा संवेदनशील
कोविड-19 महामारी के कारण दूसरे राज्य के निर्माण श्रमिक जो मध्यप्रदेश में लॉकडाउन के दौरान रूके थे, ऐसे 6671 श्रमिकों को राशि एक हजार रूपये के मान से 66.71 लाख रूपये का भुगतान म.प्र.भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल द्वारा उनके खातों में डीबीटी के माध्यम से भुगतान किया गया है। कोविड-19 महामारी के कारण लॉकडाउन के दौरान प्रदेश में आठ लाख 85 हजार 089 पंजीकृत श्रमिकों को प्रति श्रमिक दो हजार रूपये के मान से राशि कुल 177 करोड़ रूपये वितरित किये गये।

बाहर जा रहे मजदूरों की हो रही है ट्रैकिंग
लॉकडाउन समाप्त होने के पश्चात अनेक श्रमिक पुनः बेहतर रोजगार के अवसरों या पूर्व नियोजकों के आग्रह पर पुनः राज्य से बाहर जा रहे हैं। रोजगार सेतु पोर्टल पर इनके ट्रैकिंग की नवीन व्यवस्था की गई है। अब तक पुनः अन्य राज्यों में लौटे 4571 श्रमिकों की जानकारी पोर्टल पर दर्ज है जिनमें 3910 पुरुष एवं 661 महिला श्रमिक है।

नीति आयोग, भारत सरकार द्वारा मध्यप्रदेश राज्य में कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान अन्य राज्यों से मध्यप्रदेश में वापस लौटे प्रवासी श्रमिकों को रोजगार की सुविधा उपलब्ध कराने की दृष्टि से प्रारंभ किये गये “रोजगार सेनु पोर्टल” की सराहना करते हुए यह निर्णय लिया गया है कि नीति आयोग, भारत सरकार द्वारा सभी रोजगार इच्छुकों हेतु अखिल भारतीय स्तर पर प्रारंभ किये जा रहे “उन्नति पोर्टल” से “रोजगार सेतु पोर्टल” का इंटीग्रेशन किया जाए।