बंगाल में भी कांग्रेस अकेले नहीं लड़ पाएगी चुनाव, जानिए किसका मिला साथ

Akanksha
Published on:

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए सत्तारूढ़ टीएमसी और भारतीय जनता पार्टी अपनी-अपनी तैयारियों में जुट गई है. वहीं अन्य राजनीतिक दल भी इसके लिए कमर कसने लगे हैं. पश्चिम बंगाल चुनाव में भी कांग्रेस पार्टी अकेले दम पर ताल नहीं ठोक पाएगी. कांग्रेस ने ऐलान कर दिया है कि, 2021 के बंगाल चुनाव में पार्टी लेफ्ट के साथ मैदान में उतरेगी. बता दें कि वामपंथी दलों ने पहले ही ऐलान कर दिया था कि, बंगाल चुनाव कांग्रेस गठबंधन के साथ मिलकर लड़ा जाएगा. अब कांग्रेस और वामपंथी दल दोनों ही ओर से इस ऐलान को हरी झंडी मिल गई है.

गुरुवार को बंगाल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि, कांग्रेस और लेफ्ट के एक साथ चुनाव लड़ने पर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की ओर से हरी झंडी दे दी गई है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और सांसद चौधरी ने इस संबंध में सोशल मीडिया पर जानकारी दी है. उन्होंने एक ट्वीट करते हुए लिखा है कि, ‘कांग्रेस पार्टी ने पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव के लिए लेफ्ट के साथ गठबंधन कर लिया है. लेफ्ट के साथ गठबंधन के लिए पार्टी से मिली हरी झंडी मिल गई है.’

आपको जानकारी के लिए बता दें कि इससे पहले 2016 के बंगाल विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस पार्टी ने वामपंथी दलों के साथ मिलकर ही चुनाव लड़ा था और एक बार फिर कांग्रेस-लेफ्ट साथ-साथ है. कांग्रेस-वामपंथी दलों का सीधा मुकाबला भारतीय जनता पार्टी और सत्ताधारी दल तृणमूल कांग्रेस से होगा.

बंगाल में विधानसभा की 294 सीटें…

पश्चिम बंगाल में विधानसभा की कुल 294 सीटें हैं. 2016 के विधानसभा चुनाव में सत्तादल टीएमसी के बाद कांग्रेस दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आई थी. कांग्रेस को कुल 44 सीटों पर जीत मिली थी. वहीं सीपीएम को 26 सीटें हासिल हुई थी. वहीं भारतीय जनता पार्टी दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू पाई थी. भाजपा को महज 3 सीटें मिली थी.