किसानों को साथ देने का एक जज्बा ऐसा भी, 450 किलोमीटर साईकिल चलाकर सिंघु बॉर्डर पहुंचा दिव्यांग

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नई दिल्ली : पंजाब और हरियाणा के किसानों का केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन लगातार जारी है. हर दिन इसमें तेजी देखने को मिल रही है. साथ ही किसानों को समर्थन देने वालों के सांख्य में भी इजाफा हो रहा है. हजारों-लाखों की संख्या में दिल्ली की सीमाओं के आस-पास किसानों का जमावड़ा बीते 27 दिनों से लगा हुआ है.

सिंघु बॉर्डर पर भारी तादाद में किसानों का जमावड़ा लगा हुआ है. कड़ाके की ठंड में भी किसान डटे हुए हैं. कई किसान अब तक अपनी जान भी दे चुके हैं, जबकि कई आम लोग भी किसानों का समर्थन कर रहे हैं. हाल ही में सिंघु बॉर्डर पर किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए बलविंदर सिंह नाम का एक शख्स पहुंचा है. बलविंदर दोनों पैरों से दिव्यांग है.

बलविंदर सिंह का जज्बा देखते ही बनता है. दोनों पैरों से दिव्यांग होने के बावजूद वे पंजाब से 450 किलोमीटर अपनी तिपहिया साइकिल चलाकर सिंघु बॉर्डर पहुंचे हैं. वे पंजाब के गुरदासपुर से आए हैं. उन्हें 450 किमी का सफर तय करने में 10 दिन का समय लगा है. उन्होंने हाथ से ट्राइसिकल चलाकर किसानों के लिए यह जज्बा दिखाया है.

सिंघु बॉर्डर पर बलविंदर सिंह ने एक निजी समाचार चैनल से बात करते हुए बताया कि, मैंने इतनी लंबी यात्रा किसान भाइयों के समर्थन में की है. उन्होंने यह भी कहा कि, अगर इस दौरान मैं मर भी जाता तो कोई गम नहीं था. 45 साल के बलविंदर सिंह ने कहा कि, वे आख़िरी सांस तक किसानों के लिए लड़ेंगे. प्रदर्शन कर रहे हर एक किसान की तरह ही बलविंदर सिंह ने भी यही कहा कि, केंद्र सरकार कृषि कानूनों को रद्द करें. बात दें कि केंद्र के कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का प्रदर्शन 26 नवंबर से चल रहा है. अब तक किसानों की समस्या का कोई हल निकलता हुआ नजर नहीं आ रहा है.