Indore: स्वास्थ्य अमला संवेदनशीलता से करें कार्य, मातृ एवं शिशु मृत्यु दर होगी कम- सांसद शंकर लालवानी

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इंदौर। सांसद शंकर लालवानी की अध्यक्षता में कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में कलेक्टर मनीष सिंह, नगर निगम आयुक्त प्रतिभा पाल, अपर कलेक्टर अभय बेडेकर, जिला पंचायत सीईओ वंदना शर्मा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बीएस सैत्या सहित स्वास्थ्य विभाग के सभी अधिकारी एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे।

सांसद लालवानी एवं कलेक्टर मनीष सिंह ने बैठक में जिला स्तर पर मातृ मृत्यु दर, शिशु मृत्यु दर तथा उन्हें कम करने के संबंध में किए जा रहे प्रयासों, डेथ ऑडिट, शासन द्वारा संचालित की जा रही महत्वपूर्ण स्वास्थ्य संबंधी योजनाओं, खरीदी प्रक्रिया, राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम, टीबी से मुक्ति अभियान की समीक्षा की। गर्भवती महिलाओं एवं नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों के विरुद्ध कार्यवाही होगी।

बैठक में अप्रैल 2022 से अगस्त 2022 तक हुई मातृ मृत्यु के संबंध में डॉ. पूर्णिमा गडरिया द्वारा जानकारी दी गई। डेथ ऑडिट के तीन मामलों की समीक्षा सांसद लालवानी एवं कलेक्टर द्वारा की गई। जिसमें सर्वप्रथम समाजवादी नगर की उमा पनवार की मेडिकल नेगलिजेंस के कारण हुई मृत्यु की समीक्षा की गई। समीक्षा में पाए गए तथ्यों के आधार पर कलेक्टर ने प्राइमरी हेल्थ सेंटर की चिकित्सक डॉ. निर्मला, एएनएम रजनी फ्रांसिस एवं आशा कार्यकर्ता के विरुद्ध डिसीप्लिनरी एक्शन लेने के निर्देश अपर कलेक्टर अभय बेडेकर को दिए। इसी तरह 22 वर्षीय ज्योति खरते के उपचार में बरती गई लापरवाही पर प्रायमरी हेल्थ सेंटर सिमरोल की प्रभारी चिकित्सक एवं आशा कार्यकर्ता के विरुद्ध भी डिसीप्लिनरी एक्शन लेने के निर्देश दिए गए। कलेक्टर श्री सिंह ने बीएमओ महू को निर्देश दिए कि वे नियमित रूप से पीएचसी में डॉक्टरों की उपस्थिति की समीक्षा करें एवं रोटेशन करके इनकी ड्यूटी अलग-अलग क्षेत्रों में लगाएं।

बिना क्वालिफाइड स्टाफ के सर्जरी करने वाले अस्पतालों के विरुद्ध होगी कार्यवाही

बैठक में बताया गया कि भागीरथपुरा की अंजली शुक्ला की सी सेक्शन सर्जरी दयानंद अस्पताल में की गई थी। डॉ पूर्णिमा गडरिया ने बताया कि दयानंद अस्पताल में ना ही क्वालिफाइड डॉक्टर है ना ही प्रशिक्षित स्टाफ। इस तरह की बड़ी सर्जरी कर महिला के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया गया जिससे उनकी मृत्यु हुई। कलेक्टर ने उक्त तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए अपर कलेक्टर बेडेकर को हॉस्पिटल संचालक अनिल पंड्या के विरुद्ध एफआइआर दर्ज करने तथा सीएमएचओ को आगामी दो दिवस के भीतर हॉस्पिटल को सील करने के निर्देश दिए। उल्लेखनीय है कि हॉस्पिटल संचालक अनिल पंड्या बिना मेडिकल डिग्री के डॉक्टर के रूप में कार्य कर रहे हैं।

कलेक्टर ने कहा कि इस तरह के छोटे अस्पताल किसी भी तरह की मेजर सर्जरी या सी सेक्शन बिना क्वालिफाइड स्टाफ और चिकित्सकों के ना करें। यदि फिर भी उनके द्वारा इस तरह की सर्जरी की जाती है तो उनके विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाएगा। सांसद लालवानी ने निर्देश दिए कि सीएमएचओ एक दल गठित कर सभी अस्पतालों के ओटी कल्चर का औचक निरीक्षण करें। कलेक्टर ने सभी बीएमओ एवं जेडएमओ को शिशु मृत्यु की डेट ऑडिट रिपोर्ट पुनः डिटेल स्क्रूटनी के साथ जिम्मेदारी निर्धारित करते हुए प्रस्तावित करने के निर्देश दिए।

उन्होंने सोशल ऑटोप्सी के कार्य में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के टीम के साथ पीएचसी के चिकित्सकों को भी टीम में शामिल करने के निर्देश दिए। कुपोषण के कारण हो रही शिशु मृत्यु के संदर्भ में उन्होंने सभी संबंधित आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सीडीपीओ एवं सुपरवाइजर को भी शो कॉज नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।

मानवीय दृष्टिकोण के साथ सभी स्वास्थ्य अमला करें कार्य

सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के कंधों पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। मातृ मृत्यु दर तथा शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए जरूरी है कि स्वास्थ्य विभाग से जुड़े अधिकारी एवं कर्मचारी पूरी संवेदनशीलता एवं मानवीयता के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करें। सभी को व्यक्तिगत रुप से हर केस की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के मैदानी अमले को संवेदनशील होकर कार्य करना जरूरी है। इससे वे आम लोगों में भी जागरूकता ला सकेंगे और कई लोगों का जीवन बचाया जा सकेगा ‌। एएनएम एवं आशा कार्यकर्ता समाज में बदलाव के प्रेरणा स्त्रोत बन सकते हैं यदि वे पूरी निष्ठा के साथ अपने कार्यों को करें तो।

कलेक्टर ने सीएमएचओ को निर्देश दिए कि वे सभी स्वास्थ्य केंद्रों में आवश्यक सामग्री एवं दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करें साथ ही डीसीएम को प्रति सप्ताह प्रत्येक ब्लॉक का भ्रमण कर आशा कार्यकर्ताओं द्वारा किए जा रहे कार्यो का निरीक्षण करने के निर्देश दिए।

दिसंबर 2022 तक इंदौर के ग्रामीण क्षेत्र होंगे टीबी मुक्त

बैठक में बताया गया कि जिला प्रशासन द्वारा इंदौर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों को दिसंबर 2022 तक टीबी से मुक्त करने का संकल्प लिया गया है। इस दिशा में सांसद श्री लालवानी द्वारा और अधिक प्रयास करने के निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों को भी टीबी मुक्त करने का अभियान निरंतर रूप से चलाया जाए।

खरीदी प्रक्रिया की समीक्षा में पाई गई गंभीर अनियमितताएं

कलेक्टर द्वारा एनएचएम के तहत वर्तमान में जिले में की जारी खरीदी प्रक्रिया की समीक्षा की गई। समीक्षा के दौरान आशा डायरी के आर्डर प्लेसमेंट में गंभीर अनियमितताएं पाई गई। बिना किसी अधिकृत ऑर्डर प्लेसमेंट के सभी ब्लॉक में आशा डायरी डिलीवर की गई जिसकी जानकारी सीएमएचओ,सिविल सर्जन, डीपीएम, डीसीएम किसी के पास नहीं थी। उक्त तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए कलेक्टर द्वारा अपर कलेक्टर अभय बेडेकर के नेतृत्व में जांच दल गठित कर विगत 2 वर्षों में क्रय की गई सामग्री तथा बिलों के भुगतान की स्थिति की जांच करने के निर्देश दिए गए। उन्होंने स्टोर प्रभारी इंद्रमणि पटेल एवं सहायक स्टोर प्रभारी कैलाश तायरे को निलंबित करने के निर्देश दिए। उक्त मामले में शाहरुख उर्फ गुलजार नाम के व्यक्ति की संलिप्तता भी पाई गई है। इसके विरुद्ध भी जांच कर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश कलेक्टर द्वारा दिए गए।