नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन लगातार जारी है। जिसके चलते पहली बार केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की प्रतिक्रिया सामने आयी है। शनिवार को केंद्रीय वित्त मंत्री ने विपक्ष को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि, किसानों का इस्तेमाल राजनीतिक लाभ के लिए किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि, विपक्ष किसान की हलचल पर राजनीति खेल रहा है। आंदोलन को देश विरोधी ताकतों द्वारा हाईजैक कर लिया गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि, किसानों को ऐसे लोगों से दूर रहना चाहिए जो उनका इस्तेमाल “राजनीतिक पुनरुत्थान” के लिए करना चाहते हैं। निर्मला सीतारमण ने कहा कि, किसानों को एमएसपी को लेकर चल रही अफवाहों पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं देना चाहिए। कृषि मंत्री किसानों की मांग को लेकर गंभीर हैं।
बता दे कि, किसानों ने सरकार के प्रस्ताव को नकार दिया था। कृषि सुधार के कानूनों को रद करने और एमएसपी की गारंटी देने का कानून बनाने की मांग पर अड़े किसानों ने सरकार के संशोधन प्रस्तावों को खारिज कर दिया है। साथ ही अपनी मांगों पर अड़े किसानों ने 14 दिसंबर को देशव्यापी प्रदर्शन की धमकी दी है। अपनी मांगों के माने जाने तक आंदोलन को और तेज करने का फैसला किया है। जिसके चलते किसानों के समर्थन में विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति से मुलाकात कर कृषि कानूनों को रद करने की मांग की।
वही, किसान नेताओं का कहना है कि, तीनों कृषि कानून रद्द किए जाएं और न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी की गारंटी वाला कानून लाया जाए। किसान संगठनों के नेताओं मुताबिक उत्तर भारत के सभी किसानों के लिये 14 दिसंबर को ‘दिल्ली चलो’ का आह्वान किया गया है, जबकि दक्षिण भारत में रहने वाले किसानों से जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन के लिये कहा गया है। किसान नेताओं ने कहा कि, वे 14 दिसंबर को भाजपा के मंत्रियों, पार्टी के जिला कार्यालयों का घेराव करेंगे और पार्टी के नेताओं का बहिष्कार करेंगे।