आयुष्मान के तहत विश्व की दूसरी सबसे बड़ी किडनी की पथरी अमलतास अस्पताल, देवास में निकाली गई

Pinal Patidar
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देवास। आयुष्मान के तहत विश्व की दूसरी सबसे बड़ी किडनी की पथरी अमलतास अस्पताल,देवास में निकाली गई। अमलतास अस्पताल के चेयरमैन मयंकराज सिंह भदौरिया ने बताया कि अमलतास अस्पताल ग्रामीण क्षेत्र में विगत 6-7 वर्षो से निशुल्क सेवा दे रहा है जिसके अंतर्गत न्यूरो सर्जरी, ब्रेन सर्जरी, जोड़ प्रत्यारोपण, प्रोस्टेट सर्जरी, कैंसर सर्जरी एवं विभिन्न प्रकार की गंभीर बीमारियों का इलाज आयुष्मान के तहत निशुल्क करता आ रहा है।

इसी कड़ी में मरीज लक्ष्मी बाई पति गुलाब सिंह उम्र 42 साल ग्राम मोह्हमदखेड़ा ,जिला देवास के निवासी है। जो की विगत 8 महीनो से असहनीय पेट दर्द से परेशान थी। फिर कई अस्पतालों से रेफर होकर वह अमलतास अस्पताल में पहुंची। उनको हमारे युरोलोजिस्ट विशेषज्ञ डॉक्टर देवेश बंसल को दिखाया गया उनके पास सोनोग्राफी एवं कई अस्पताल के पर्चे भी थे। सोनोग्राफी रिपोर्ट में उनको किडनी में बहुत बड़ी पथरी थी।किन्तु बहुत सारे अस्पतालों द्वारा ऑपरेशन का मना कर दिया गया था। क्योंकि किडनी के बचने की सम्भावना न के बराबर थी।

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किन्तु हमारे अस्पताल के चेयरमैन के विजन के अनुसार गंभीर से गंभीर बीमारियों का इलाज अमलतास अस्पताल में किये जाने का उद्देश्य है। उसी उद्देश्य के लिए हमने उस मरीज को भर्ती किया और पूरी टीम बनायीं गयी। जिसमे युरोलोजिस्ट सर्जन डॉक्टर देवेश बंसल, नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. रुबीना वोहरा, अनेस्थिसिया डॉ. प्रिया पाटीदार, डॉ नीलेश वरदानी असिस्टेंट डॉ. हिना खान मौजूद थी।

इसमें उल्लेखनीय है कि मरीज की पथरी किडनी के साथ मूत्र नली में भी भरी हुई थी। जो पेट पर एक ही चीरा लगाकर दूरबीन से निकाली गई। ऑपरेशन के बाद मरीज पूरी तरह स्वास्थ्य हैl और इससे पहले गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड के अनुसार 13 cm की पथरी निकाली गई है। अमलतास में निकाली गई पथरी का साइज 12.5 cm है। जो कि अब तक कि संभवतः दूसरी सबसे बड़ी पथरी हो सकती है। इसके लिए हम गिनीज बुक में भी रजिस्ट्रेशन करने के लिए टीम को बुलाया जा रहा है l

अमलतास अस्पताल के फाउंडर चैयरमेन सुरेश सिंह भदौरिया ने टीम अमलतास को बधाई दी एवं गर्व भी जताया इतनी बड़ी पथरी का इलाज आयुष्मान योजना के अंतर्गत निशुल्क होना भी योजना की सफलता को दर्शाता है l इसके लिए माननीय प्रधानमंत्री, मा. मुख्यमंत्रीका हृदय से आभार जिसके कारण लोगो की लाइलाज बीमारियों का इलाज संभव हो पा रहे है।