किसान आंदोलन: कृषि कानून को रद्द के पक्ष में नहीं है सरकार, पांचवें दौर की वार्ता जारी

Author Picture
By Akanksha JainPublished On: December 5, 2020

नई दिल्ली। देश में चल रहे किसान आंदोलन के चलते आज सरकार और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच 5वें दौर की वार्ता चल रही है। यह बैठक विज्ञान भवन में लगभग 2 बजे से शुरू हुई है। बैठक में 40 किसान संगठनों के प्रतिनिधि और सरकार के मंत्रियों के बीच चर्चा चल रही है। वही सूत्रों की माने तो, सरकार कृषि कानून रद्द नहीं करेगी। MSP और मंडी पर लिखित आश्वासन देने को तैयार है।

वही किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने केंद्र सरकार से पिछली बैठक के में चर्चा पर बिंदुवार लिखित उत्तर मांगा है। किसानों की इस बात पर सरकार ने सहमित दी है। बता दे कि, किसान आंदोलन की सबसे बड़ी मांग, न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और मंडी पर केंद्र सरकार किसानों को लिखित में आश्वासन देने के लिए तैयार है। बैठक के दौरान विज्ञान भवन में लंगर सेवा का वाहन पहुंच चुका है। किसान नेता लंगर का खाना ही खाएंगे।

दूसरी ओर दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन उफान पर है। प्रदर्शनकारी किसानों ने सरकार को अल्टीमेटम दिया है। किसानों ने पांचवीं बैठक से पहले सरकार से संसद का विशेष सत्र बुलाकर तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की है। साथ ही किसानों ने चेतावनी दी है कि, अगर उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं तो वो दिल्ली आने वाले बाकी रास्ते भी जाम कर देंगे। किसानों ने कहा कि, मंडी खत्म ना हो, एमएसपी लागू रहे। साथ ही उन्होंने 26 जनवरी को दिल्ली में परेड करने की चेतावनी भी दी है।

बता दे कि, आज किसान संगठनों से मीटिंग के पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर भी एक बड़ी बैठक हुई थी। सूत्रों ने बताया कि, किसानों से बातचीत से पहले समाधान की रणनीति पर चर्चा हुई। प्रधानमंत्री आवास पर लगभग 2 घंटे तक बैठक चली। इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी मौजूद रहे। वही, आवास पर हुई बैठक से पहले केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि, ‘आज किसानों के साथ मीटिंग होनी है। मुझे उम्मीद है कि किसान सकारात्मक रूप से सोचेंगे और आंदोलन को खत्म कर देंगे।’