भोपाल: स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में कुछ साल पहले तक मध्यप्रदेश की पहचान बीमार राज्य के रूप में थी, लेकिन अब समय बदल चुका है। बात चाहे गंभीर बीमारियों की हो या दुर्घटनाओं की, सरकारी व्यवस्थाओं के चलते चंद मिनटों में पीड़ित को बेहतर से बेहतर इलाज देने की कोशिश की जा रही है। हादसे के वक्त मौके पर जाकर मरीज को मदद देने से लेकर अस्पताल में मौत को मात देने तक का काम पलक झपकते ही किया जा रहा है। यह काम उन सभी सेवाओं में सुधार करने पर हुआ है जो स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए की जा रही है। इन्हीं में से एक है जिकित्जा हेल्थ केयर लि. का इंटीग्रेटेड रैफरेल ट्रांसपोर्ट सिस्टम, जिसमें एंबुलेंस, जननी एक्सप्रेस, मोबाइल मेडिकल यूनिट और कॉल सेंटर का संचालन किया जा रहा है। कंपनी ने मध्यप्रदेश में अपनी सेवाओं के सफलतम् चार वर्ष पूरे कर लिए हैं और इन चार सालों में राज्य के 1,75,75,910 लोगों को आपातकालीन सेवाएं दी जा चुकी हैं।
यह भारत में पहला प्रोजेक्ट है जो आई आर टी एस पर आधारित है। इस महामारी के माहौल में चार साल सफलतापूर्वक पूरे किए हैं। यह 108 टीम, सरकार और राज्य के लोगों की वजह से संभव हो पाया है। – सीईओ नरेश जैन
“दुर्घटनाओं के मामले में मध्यप्रदेश पूरे देश में दूसरे नंबर पर है। हर रोज हजारों कॉल आते हैं और सैकड़ों स्थानों पर एंबुलेंस की जरुरत होती है लेकिन हम हर शहर, हर गांव में मदद देने के लिए हर पल तैयार रहते हैं। हमें खुशी है कि आप सभी के बीच हमने अपनी सेवाओं के चार साल पूरे कर लिए हैं। इस बीच कई चुनौतियां आईं लेकिन हमने अपने लक्ष्य को पूरा करते हुए सेवाओं को बेहतर बनाने का सिलसिला जारी रखा।
हमने एसएनसीयू कॉल सेंटर यूनिट बनाई, जो बड़ी उपलब्धि है। रियल टाइम मॉनिटरिंग सिस्टम, बैक ड्रॉप की सुविधा को और भी बेहतर बनाया। जिकित्जा का कॉल सेंटर देश का एक मात्र इंटीग्रेटेड कॉल सेंटर है जहां सारी सुविधा मिलती है। हम अपनी सर्वात्तम क्षमताओं के साथ इन सेवाओं को जारी रखने के लिए भी हम प्रतिबद्ध हैं।” – जितेन्द्र शर्मा;प्रोजेक्ट हेड, इंटीग्रेटेड रेफरेल ट्रांसपोर्ट सिस्टम- जिकित्जा हेल्थकेयर लि.
प्रदेश भर में तैनात 606 एंबुलेंस, 30,66, 331 लोगों को दी मदद
किसी भी हादसे या आपात स्थिति में आम से लेकर खास तक सबसे पहले 108 एंबुलेंस को ही याद किया जाता है। जिकित्जा कंपनी की यह आपातकालीन सेवा 24 घंटे, सातों दिन तत्पर रहती है। प्रदेश के कोने-कोने में इस सेवा का निशुल्क संचालन करने के लिए 606 एंबुलेंस तैनात की गई हैं। इनमें से 51 एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस हैं जबकि बाकी एंबुलेंस बैसिक लाइफ सपोर्ट सिस्टम वाली है। दोनों तरह की एंबुलेंस से अब तक 30,66,331 लोगों को मदद दी जा चुकी है।
कंपनी ने राज्य में आपातकालीन सेवाओं के संचालन के तरीकों में महत्वपूर्ण बदलाव किया है। डायल 108 ईएमआरएस सेवा चौबिसों घंटे सातों दिन चलने वाला टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर है, जहाँ दुर्घटना पीड़ित और गर्भवती महिलाएँ मदद के लिए कॉल कर सकती हैं। कंपनी 108 हेल्पलाइन नंबर के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए और लोगों को लैस करने के लिए नियमित रूप से पहले रिस्पोंडर प्रोग्राम भी आयोजित करती है, ताकि वे चिकित्सा आपातकालीन स्थितियों से बेहतर तरीके से निपट सकें।
790 जननी एक्सप्रेस ने की 50 लाख गर्भवती महिलाओं की मदद
दुर्घटनाग्रस्त और बीमार लोगों की मदद से हटकर प्रदेश में जननी एक्सप्रेस चलाई जा रही है। यह विशेष वाहन नवजात बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रहा है। इससे गर्भवती महिलाओं को अस्पताल ले जाने की ही नहीं बल्कि घर छोड़ने की सुविधा भी दी जा रही है। नवजात शिशुओं, गर्भवती महिलाओं और प्रसूताओं को अस्पताल लाने-ले जाने व स्वास्थ्य संबंधी सभी सुविधाएं देने के लिए 790 जननी एक्सप्रेस (एंबुलेंस) चलाई जा रही हैं। इनके द्वारा अब तक 50,53,070 महिलाओं और बच्चों को मदद व इलाज प्रदान किया जा चुका है।
चिकित्सा संबंधी सलाह प्रदान करता है 15 सीटों वाला सेटअप हेल्पलाइन 104 जिकित्जा हेल्थकेयर लि. द्वारा हेल्पलाइन 104 का संचालन कर अनूठी सेवाएं दी जा रही हैं।
यह हेल्पलाइन सभी तरह की जानकारियां और समाधान प्रदान करती है। प्रदेश भर के सभी शहरों में आप घर बैठे इस हेल्पलाइन के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी मदद प्राप्त कर सकते हैं। आपको अपनी किसी बीमारी के इलाज के संबंध में जानकारी चाहिए हो या अस्पताल या डॉक्टर का पता जानना हो, इस हेल्पलाइन पर सभी जानकारी मिलती है।
काउंसलिंग सेवाओं के माध्यम से बीमारियों से परेशान लोगों को सही रास्ता दिखाया जाता है और धैर्य के साथ बीमारियों से लड़ने की प्रेरणा दी जाती है। चिकित्सा संबंधी सलाह लेने के साथ शिकायत करने संबंधी सुविधा भी दी जा रही है। प्रदेश के किसी भी सरकारी अस्पताल से जुड़ी कोई भी शिकायत यहां की जा सकती है और समाधान भी इसी के माध्यम से किया जाता है। सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक यह 15 सीटर कॉल सेंटर प्रदेश के लोगों के लिए लगातार सेवाएं दे रहा है। अब तक यहां से 3,25,816 लोगों को मदद दी जा चुकी है।
जहां न डॉक्टर न अस्पताल, वहां पहुंचकर इलाज कर रही मोबाइल मेडिकल यूनिट
प्रदेश के कई इलाके आज भी ऐसे हैं जहां न ही पर्याप्त अस्पताल हैं और न ही स्टाफ। मरीजों की संख्या ज्यादा होने के कारण मौजूद सुविधाएं अधूरी साबित हो रही हैं। इस कमी को पूरा करने के लिए जिकित्जा हेल्थकेयर लि. द्वारा मोबाइल मेडिकल यूनिट चलाई जा रही है। यह चलित अस्पताल है जिसमें डॉक्टर, एएनएम कार्यकर्ता, पायलेट और लेब असिस्टेंट दूरस्थ स्थानों पर जाते हैं और इलाज प्रदान करते हैं। वहां कैंप लगाए जाते हैं, चिकित्सा परामर्श लिया जाता है, परीक्षण होता है, जांच की जाती है और रिपोर्ट के साथ निशुल्क दवाइयां भी दी जाती हैं। जरूरी होने पर मरीजों को बड़े सरकारी अस्पतालों में रैफर भी किया जाता है ताकि आगे का इलाज मिल सके। प्रदेश भर में इस तरह की 150 मोबाइल मेडिकल यूनिट चलाई जा रही हैं और अब तक 91,29,693 मरीजों को इनसे इलाज दिया जा चुका है।
कर्मचारी हितैषी योजनाओं में अग्रणी है जिकित्जा
जिकित्जा की खास बात यह है कि यह सरकार और आम लोगों के साथ कर्मचारियों के उत्थान के लिए भी लगातार प्रयास कर रही है। कर्मचारियों के हितों के लिए कई तरह के आयोजन होते हैं। इनमें क्रिकेट लीग और स्कॉलरशिप प्रोग्राम खास हैं। कर्मचारी के बच्चों के भविष्य के विकास को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से कंपनी ने साल 2018 में स्कॉलरशिप प्रोग्राम की शुरुआत की थी और तब से हर साल टॉप तीन परफॉर्मर्स और सात अन्य छात्र जिन्होंने पिछले साल शैक्षणिक स्तर पर अच्छा काम किया था, उन्हें इस प्रोग्राम के लिए स्वीकारा जाता है।
जेडएचएल द्वारा शुरू किए हए इस प्रोग्राम ने कर्मचारियों के वित्तीय बोझ को कम करने में मदद की है और उनके बच्चों के बीच शिक्षा के महत्व को बढ़ावा दिया है। 108 के पायलेट और ईएमटी स्टाफ के बच्चों के लिए स्कॉलरशिप प्रोग्राम चलाया जाता है। हर वर्ष प्रदेश भर के स्टाफ के बच्चों में से कक्षा 10वीं के टॉपर को 50 हजार रुपए की स्कॉलरशिप दी जाती है। यही नहीं जिले के टॉपर रहे बच्चों को भी 10-10 हजार रुपए की स्कॉलरशिप प्रदान की जाती है।
आपातकालीन चिकित्सा सेवा पेशेवरों के लिए का एक डिमांडिंग और शानदार करियर है। गंभीर परिस्थितियों से निपटने के लिए दैनिक आधार पर ईएमटी, डॉक्टर, ड्राइवर और कर्मचारी एक साथ काम करते हैं। जिकित्सा क्रिकेट लीग उस टीम भावना का जश्न मनाने और एक सामान्य लक्ष्य के लिए खेलने के लिए शहरों और स्तरों के कर्मचारियों को एक साथ लाने के लिए एक सही मंच था।
2.5 लाख लोगों को ट्रेनिंग दे चुकी कंपनी
स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं के अलावा कंपनी प्रदेश भर में लोगों को फर्स्ट एड ट्रेनिंग भी दे रही है। अब तक करीब तीन हजार कार्यक्रम आयोजित कर 2.5 लाख लोगों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है। इसमें लोगों को बताया जाता है कि किसी भी हादसे में पीड़ितों और दुर्घटनाग्रस्त लोगों को कैसे बचाया जा सकता है। ट्रेनिंग में सिखाया जाता है कि प्री हॉस्पिटल यानी हॉस्पिटल पहुंचने से पहले मरीज की जान बचाने के लिए क्या-क्या मदद दी जा सकती है। इस ट्रेनिंग के माध्यम से हजारों लोग दुर्घटनाग्रस्त लोगों की मदद कर चुके हैं।