वाराणसी कोर्ट में श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी मामले की सुनवाई आज, मुस्लिम पक्ष ने की ये मांग

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वाराणसी के ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी प्रकरण  में आज जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की कोर्ट में सुनवाई होगी. इस मामले में पांचों वादी महिलाओं, डीएम, पुलिस आयुक्त व मुख्य सचिव प्रदेश शाशन की तरफ से बहस गुरुवार को पूरी कर ली गई है. मामले में मुस्लिम पक्ष की ओर से दलीलें रखी जानी थी. हालांकि उनके वकील अभय नाथ यादव के निधन के बाद कोर्ट से थोड़ा और समय मांगा गया है. जिला कोर्ट में अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद समिति की ओर से दाखिल याचिका में 15 दिन का समय मांगा गया है. याचिका में कहा गया है कि इस मामले से जुड़ी फाइलें अभयनाथ यादव के चैंबर में बंद हैं. कोर्ट इस मामले में ऑर्डर 7 रूल नंबर 11 पर सुनवाई कर रहा है.

 

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कोर्ट को इस मामले में केस की मेरिट पर फैसला करना है. कोर्ट यह तय करेगा कि ज्ञानवापी मस्जिद का मामला सुनवाई के लायक है कि या नहीं. वादी पक्ष द्वारा जो मांग की जा रही है क्या वह कोर्ट के दायरे में आती है, इस पर कोर्ट को फैसला करना है. यह मामला कोर्ट के दायरे में नहीं आता है तो कोर्ट इस मामले को सुनने से ही इनकार कर सकता है.

हिंदू पक्ष के वकील ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद के मामले में प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट-1991 लागू नहीं होता है. उन्होंने कहा कि 1937 में दीन मोहम्मद के केस में 15 लोगों ने इस बात की गवाही दी थी कि वहां पूजा होती थी जो 1942 तक हुई. इसलिए वह एक्ट ज्ञानवापी प्रकरण में प्रभावी नहीं होगा. यही तथ्य हमने अदालत के सामने रखा है.

हिंदू पक्ष –  श्रृंगार गौरी की रोजाना पूजा की मांग,  वजूखाने में मिले कथित शिवलिंग की पूजा की मांग, नंदी के उत्तर में मौजूद दीवार को तोड़कर मलबा हटाने की मांग, शिवलिंग की लंबाई, चौड़ाई जानने के लिए सर्वे की मा, वजूखाने का वैकल्पिक इंतजाम करने की मांग

मुस्लिम पक्ष –  वजूखाने को सील करने का विरोध, 1991 एक्ट के तहत ज्ञानवापी सर्वे और केस पर सवाल