धरती के स्वर्ग कहे जाने वाले कश्मीर (Kashmir) के मस्तक पर विराजमान पवित्र अमरनाथ गुफा के दर्शन हेतु प्रति वर्ष आयोजित होने वाली अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) का कल गुरुवार 11 अगस्त रक्षाबंधन के दिन धूमधाम से समापन हो गया। हजारो लाखों की संख्या में प्रति वर्ष इस पवित्र अमरनाथ यात्रा में देश विदेश से श्रद्धालु आते हैं, जोकि बेहद दुर्गम यात्रा मार्ग होने के बावजूद श्रध्दा भाव से भरे होते हैं ।
छड़ी पूजन के साथ होता है समापन
पवित्र अमरनाथ यात्रा का समापन छड़ी पूजन के साथ होता है। श्रावण मास के अंतिम दिन रक्षाबंधन पर पवित्र और पौराणिक अमरनाथ गुफा में महंत दीपेंद्र गिरि द्वारा विधि विधान से छड़ी पूजन की परम्परा का निर्वहन किया। इस दौरान महंत दीपेंद्र गिरि और अन्य विद्व जनों के द्वारा वैदिक अनुष्ठान और पूजन के साथ पवित्र अमरनाथ यात्रा समापन पूर्ण किया गया।
अमरनाथ गुफा के पास फट गया था बादल
अमरनाथ गुफा अत्यंत दुर्गम प्राकृतिक स्थान पर अवस्थित है। बर्फीले पहाड़ों के साथ ही सिर पर मंडराते बादल देखने में तो काफी मनोरम लगते हैं, परन्तु कई बार बहुत खतरनाक भी साबित होते हैं। प्राकृतिक आपदा और भूस्खलन जैसे घटनांए भी यहां अक्सर देखने को मिलती हैं। ऐसी ही एक हृदय विदारक घटना इस अमरनाथ यात्रा के दौरान 8 जुलाई को घटित हुई, जब अमरनाथ गुफा के पास 2 किलो मीटर दूर बादल फटने की घटना हो गई , इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में 15 से अधिक लोगों की मृत्यु हो गई थी, साथ ही कई लोग घायल भी हो गए थे।