शिवराज के मंत्री का बयान, सकलेचा बोले- आधुनिकता एवं उद्योगों की जरूरत के मुताबिक़ संचालित हो पाठ्यक्रम

Akanksha
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इंदौर : सुक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने कहा कि तकनीकी शिक्षण संस्थाएं आधुनिक तकनीकों एवं उद्योगों की जरूरत के मान से पाठ्यक्रम संचालित करें। तकनीकी शिक्षा संस्थान विद्यार्थियों को सैद्धांतिक के साथ व्यवहारिक प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दें, जिससे कि युवा विशेषज्ञता हासिल कर पाये। उन्होंने कहा कि औद्योगिक संस्थानों को नई तकनीकों से जोड़ने के लिए भी मदद करें। आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश एवं आत्मनिर्भर इंदौर बनाने के लिए विशेष प्रयास किए जाये। उन्होंने कहा कि समय की जरूरत के मान से तकनीकी शिक्षण संस्थान नए शोध करें, सरकार उन्हें पर्याप्त मदद उपलब्ध कराएगी।

सखलेचा ने कहा ‍कि अगर आज की तकनीकों और जरूरतों के मान से शिक्षण-प्रशिक्षण दिया जाएगा तो युवाओं को रोजगार में कोई परेशानी सामने नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि गोविंदराम सेकसरिया प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्था मध्य प्रदेश की सबसे पुरानी संस्था है जो आज अपने नए स्वरूप में सामने आ रही है। तकनीकी शिक्षा के विस्तार में इनके द्वारा किए जा रहे प्रयास निश्चित ही सफल होंगे। सखलेचा ने आज यहां इस संस्थान द्वारा नयी स्टार्ट अप पॉलिसी एवं नयी एजुकेशन पॉलिसी 2020 का विमोचन किया।

इस अवसर पर संस्थान के निदेशक डॉ. राकेश सक्सेना ने इस एजुकेशन व स्टार्टअप पॉलिसी के मुख्य घटक और उक्त के संरचना के संबंध में जानकारी दी। संस्थान के प्रोफेसर डॉ. नीरज जैन ने स्टार्टअप पॉलिसी के विभिन्न पक्षों और पूर्व में निर्मित स्टार्टअप पॉलिसी के परिवर्तन संबंधी जानकारी बताई। जैन ने बताया कि इस संस्थान ने भारत सरकार की इनोवेशन एवं स्टार्टअप पॉलिसी के इस महत्वाकांक्षी कदम के अनुरूप अपने संस्थान की क्षमताओं और सुविधाओं के परिपेक्ष्य में अपनी इनोवेशन एवं स्टार्टअप पॉलिसी का निर्माण किया है, जिसमें सैद्धांतिक रूप से एनआईएसपी का एडॉप्शन किया गया है।

साथ ही संस्था के परिपेक्ष्य में छात्रों एवं फैकल्टी को इनोवेशन एवं स्टार्टअप हेतु संपूर्ण वातावरण प्रदान करने एवं प्रोत्साहित करने हेतु इन्क्यूवेशन तथा क्षमता विकास कार्यक्रमों का माइक्रो एक्शन प्लान प्रारूप सुझाया गया है, जो कि इस नीति के उद्देश्यों के अनुरूप परिणाम आधारित है। सखलेचा ने वर्ल्ड बैंक, टेक्यूप के सहयोग से संस्थान में नवीन निर्मित सिसमोग्राफ आब्जरबेट्री का अनावरण किया। उन्होंने कहा कि इससे इंदौर व प्रदेश के भूकम्प संबंधी डाटा व शोध को नवीन ऊंचाई मिलेगी।