गौ-सेवा में संलग्न सभी संस्थाओं के प्रतिनिधियों से चर्चा कर MP में गौ पालन की बनेगी नीति- सीएम शिवराज

Akanksha
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इंदौर 22 नवंबर 2020
गौ-सेवा में संलग्न सभी प्रमुख समाजसेवी संगठनों और संस्थाओं के प्रतिनिधियों तथा संत समाज से चर्चा कर मध्यप्रदेश में नई नीति बनायी जाएगी। गौ-अभयारण्य सालरिया को एक आदर्श स्वरूप में विकसित किया जाएगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज आगर-मालवा जिले के गौ-अभयारण्य सालरिया में विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों और संत समाज से इस संबंध में चर्चा की और उनके सुझाव प्राप्त किए। मुख्यमंत्री चौहान ने इस अवसर पर कहा कि गौ माता की सेवा और इससे आज की नयी पीढ़ी को जोड़ने के लिए गौ पर्यटन की नीति बनायी जाएंगी और सुविधाएं बढ़ायी जाएंगी। उन्होंने बैठक में उपस्थित देश के विभिन्न हिस्सों से आये संस्थाओं के प्रतिनिधियों और संत समाज के समक्ष यह प्रस्ताव रखा कि मध्यप्रदेश में स्थापित विभिन्न गौ-शालाओं के संचालन के लिए क्या स्वयंसेवी संस्थाओं को आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज गोपाष्टमी के पावन अवसर पर अंतर्मन से यह भाव आया है कि मध्यप्रदेश में गौ-सेवा के संबंध में एक नीति बनायी जाए। उन्होंने कहा कि आज ही वह पावन दिन है जब भगवान श्री कृष्ण और बलराम पहली बार गौ माता को चराने निकले थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज मध्यप्रदेश में गौ-सेवा के लिए समेकित नीति बनाए जाने की शुरुआत की गई है। गौ-शालाओं का संचालन केवल सरकार अकेले करे इससे बेहतर है कि इसमें श्रद्धा, आस्था और समर्पण भाव रखने वाली विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं को भी जोड़ा जाए। मुख्यमंत्री चौहान ने चर्चा उपरांत कहा कि शीघ्र ही इस संबंध में सभी संस्थाओं के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा एक वर्चुअल मीटिंग रखी जाएगी, ताकि सभी के सुझाव वृहद स्वरूप में प्राप्त हो सकें। इसी के आधार पर मध्यप्रदेश में नई गौ नीति बनायी जाएगी।
मुख्यमंत्री चौहान ने चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि गौ मूत्र से बने कीटनाशक हमें ज़हरीले केमिकल से मुक्ति दिला सकते हैं, वहीं गौ काष्ठ और अन्य उत्पाद आज अधिक प्रासंगिक है। उन्होंने आज प्रातः हुई गौ कैबिनेट की बैठक में लिए फैसलों की जानकारी उपस्थित संत समाज को दी। उन्होंने कहा कि हमारे समक्ष गौशालाओं के संचालन के लिए स्वयंसेवी संस्थाओं को आगे रखने और इन गौशालाओं में बेहतर संसाधन के लिए गौ ग्रास के रूप में न्यूनतम राशि प्राप्त करने का प्रस्ताव है। उन्होंने कहा कि हम केवल गौ ग्रास पर ही निर्भर नहीं रहेंगे। गौशालाओं के संचालन और नवीन निर्माण के लिए पंच-परमेश्वर और अन्य संबंधित विभागों के विभिन्न योजनाओं का भी सहारा लिया जाएगा।
इस बैठक में क्षेत्रीय विधायक राणा विक्रम सिंह ने कहा कि सालरिया के इस गौ अभयारण्य का श्रेय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को है। इसके कारण सालरिया को एक पहचान मिली। लेकिन अब दुर्भाग्यवश यहाँ आसपास के ज़िलों से वृद्ध बीमार और ऐसे ही गायें जो पॉलीथीन खाने के कारण मृत्यु की डेहरी पर है उन्हें लाकर यहाँ छोड़ा जा रहा है। ऐसे में उनकी मृत्यु पर हमें अपयश का भागी भी बनना पड़ता है। शासन से यह सुनिश्चित करने का आग्रह है कि ऐसी बीमार गायों को वे जहाँ पर है वहीं पर सेवा की जाए और उन्हें यहाँ नहीं लाया जाए।


इस बैठक में गौशालाओं के संचालन के लिए इच्छुक स्वयंसेवी संस्थाओं को देने की सरकार के प्रस्ताव का उपस्थित सभी जनों ने स्वागत किया एवं सराहना की। उन्होंने कहा कि इससे गौशालाओं का न केवल बेहतर संचालन होगा अपितु जन भागीदारी और जन सहभागिता भी बढ़ेगी। सालरिया के गौ-अभ्यारण के संबंध में भी विस्तृत चर्चा हुई और उपस्थित जनों ने इस गौशाला को स्वावलंबी बनाने पर बल दिया। बैठक में कहा गया कि स्थानीय नस्लों की गायों को संरक्षित करने के लिए भी कार्य योजना बनानी चाहिए। ग़ौ उत्पाद का उचित मूल्य मिले। गुजरात से आए संत समाज ने कहा कि आज गौ सेवा पर्यटन को भी बढ़ावा दिए जाने की आवश्यकता है। नई पीढ़ी गौ माता की सेवा से जुड़े, इसके प्रयास होने चाहिए। मुख्यमंत्री चौहान ने सालरिया में गौ माता के संबंध में एक रिसर्च सेंटर बनाने के निर्देश नानाजी देशमुख विश्वविद्यालय के कुलपति को दिए। उन्होंने कहा कि यहाँ गौशालाओं के संचालन का आधार बनाकर एक प्रशिक्षण केन्द्र भी बनाया जाए। यहाँ राष्ट्रीय सेवा योजना के कैंप लगे इसके प्रयास भी हो। गौ माता के सानिध्य में ध्यान योग के प्रबंध भी किए जाएं। यह अभ्यारण्य समग्र रूप से एक स्वावलंबी गौशाला का उदाहरण बने, इसके प्रयास किए जाएंगे।
बैठक में प्रमुख रूप से पशुपालन मंत्री प्रेमसिंह पटेल, सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी और रोडमलजी नागर, जबलपुर से आए महामण्डलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानंद, मेघराज जैन, हुकमचंद सावला, भुवनेश्वरी विद्यापीठ गोडल गुजरात के घनश्याम महाजन, हिगोनियां गौशाला जयपुर राजस्थान के राधाप्रिय दास अक्षयपात्र, कृष्णायन संस्था हरिद्वार के ऋषभानंद जी, समाजसेवी बाल आंग्रे, बंशीगीर गौशाला अहमदाबाद गुजरात के गोपालभाई सुतारिया, गीर गौ जतन संस्थान गोडल राजकोट के रमेशभाई रूपारेलिया, बंशी गौ धाम काशीपुर उत्तराखंड के नीरज चौधरी, त्रिकुटा आयुर्वेद रिसर्च प्रा. लि. व त्रिकोटा गौ धाम तीर्थ जबलपुर के डॉ. आर.सी. दीक्षित, राजेश डोंगरा हिमाचल प्रदेश, वल्लभ चोटानी इंदौर, स्वामी हरिओमानंद ओमाकंश, स्वामी अमृतानंदजी रानीघाटी, भारत भारती गौ शाला बैतूल के मोहन नागर, महासचिव दयोदय महासंघ म.प्र. मंत्री दयोदय महासंघ सागर वीरेंद्र जैन, राकेश जैन सोहन विश्वकर्मा आदि उपस्थित थे।