इंदौर। जनजाति विकास मंच इंदौर के तत्वावधान में स्वतंत्रता सेनानी, क्रांतिकारी भगवान बिरसा मुंडा की 145 वीं जन्म जयंती जनजाति गौरव दिवस के रूप में पूरे प्रदेश में धूम-धाम से मनाई गई, प्रदेशभर में 8 नवंबर से शुरू हुए जन्मोत्सव का समापन 22 नंबर को किया गया।
इसी कड़ी में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ कंप्यूटर साइंस के सभागृह में समापन का कार्यक्रम रखा गया, इस दौरान मंच से जुड़े सभी सामाजिक कार्यकर्ताओं ने अपने-अपने अनुभव साझा करते हुए भगवान बिरसा मुंडा के आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया।
इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य वक्ता एवं अ. भा.युवा प्रमुख वनवासी कल्याण परिषद वैभव सुरेंगे अपने उद्बोधन में भगवान बिरसा के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उनके राष्ट्र की स्वतंत्रता के लिए किये गए संघर्ष के बारे में अवगत कराया। सुरंगें कहते है कि इतिहासकारों ने जनजाति नायकों के साथ न्याय नहीं किया, या तो उनके बारे में लिखा नहीं गया या, और लिखा भी है तो उसे ग़लत तौर पर प्रस्तुत किया गया। साथ ही उन्होंने कहा कि जल, जंगल, जमीन के लिए हमेशा संघर्ष करना होगा, शिक्षा, चिकित्सा के क्षेत्र के साथ-साथ अपने अधिकारों के लिए कागजी लड़ाई लड़ना होगी, सरकार ने कानून बनाएं है लेकिन उनके बारे में जब तक अंतिम व्यक्ति को जानकारी नहीं होगी तब तक हमें मिलकर सतत कार्य करना होगा। लोंगो को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना होगा।
उन्होंने बताता की रानी दुर्गावती, भगवान बिरसा मुंडा, टंट्या मामा भील, तिलका मांझी,कोमराम भील का योगदान उतना ही जितना अन्य स्वतंत्रता सेनानियों और महापुरुषों का है,किसी से किसी की तुलना नहीं सभी महान है, सभी एक समान है।
जल,जंगल, ज़मीन की लड़ाई हथियारों से नहीं कलम से लड़ना होगी – वैभव सुरंगे
वहीं इस मौके पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे ADM संतोष टेगोर ने बताया कि मैं स्वयं भी आदिवासी-वनवासी अंचल अलीराजपुर से हूं इसलिए बड़ी नजदीक से वनवासी संस्कृति को जनता हूँ, उन्होंने अपने निजी अनुभव साझा करते हुए कहा कि वनवासी समाज को सकारात्मक भाव के साथ शिक्षा की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए ताकि हिन्दू समाज को बांटने वाली षड्यंत्रकारी शक्तियों से डटकर मुकाबला किया जा सकें, साथ ही उन्होंने जनजाति विकास मंच के कार्यों की जमकर प्रशंसा की।
आपको बता दें जनजाति विकास मंच ने प्रदेशभर में ग्रामीण स्तर तक भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को धूम-धाम से मनाया तथा उनके विचारों को न केवल जनजाति समाज बल्कि समस्त हिन्दू समाज को अवगत कराया।
कार्यक्रम का संचालन प्रो. मदन वास्केल ने किया, तथा आभार शंकर लाल कटारा(रिटा. उप पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त) ने माना.
इस अवसर पर रूपसिंह नागर (सेवा भारती संगठन मंत्री मालवा प्रान्त) विजय सिंह अवासिया (रिटा.अपर कलेक्टर), गोविंद भूरिया (रिटा.उप पुलिस अधीक्षक), गणेश भामर (संभागायुक्त जनजाति कल्याण विभाग), पुंजालाल निनामा, राधेश्याम जामले एवं जनजाति विकास मंच से जुड़े समस्त समाजसेवी उपस्थित रहें।