उत्तराखंड के पहाड़ों को मिली नई सौगात, बनने जा रहा है देश का पहला अंडरग्राउंड टनल पार्किंग

Pinal Patidar
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उत्तराखंड में पर्यटकों के इन्फ्रास्ट्रक्चर कमी का मुद्दा हमेशा से गरमाया रहता है। लेकिन इसी बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार इनके लिए एक बड़ी सौगात लेकर आया आई है। अब उत्तराखंड के पहाड़ों पर अंडरग्राउंड टनल पार्किंग बनने जा रहीं है। पर्यटक ज्यादा संख्या में घूमने आते है जिसकी वजह से जाम व पार्किंग की समस्या से जूझना पड़ता है। लेकिन इस टनल पार्किंग के बनने से उत्तराखंड देश का पहला राज्य होगा, जहां पर पर्यटकों के लिए पार्किंग व्यवस्था बेहतर होगी।

सीएम धामी सरकार ने बीते साल टीएचडीसी को अंडरग्राउंड टनल पार्किंग बनाने का प्रस्ताव भेजा था। जिस पर अब कैबिनेट की ओर से मुहर लग गई है। अब टीएचडीसी अन्य कंपनियों के साथ मिलकर हिल स्टेशनों पर पार्किंग की समस्या को दूर करने के इस प्रोजेक्ट पर काम करेगी।

टीएचडीसी के सीएमडी राजीव बिश्नोई के अनुसार, नैनीताल, मसूरी और अन्य पर्यटन स्थलों पर जल्द अंडर ग्राउंड पार्किंग का काम शुरू हो जाएगा और पर्यटकों को जाम से मुक्ति के साथ ही अत्याधुनिक पार्किंग सुविधा भी मिलगी। इसके साथ ही उधमसिंह नगर ज़िले के किच्छा के पास एम्स के सैटेलाइट सेंटर बनाए जाने के लिए केंद्र सरकार को 100 एकड़ ज़मीन मुफ्त में दिए जाने का प्रस्ताव भी कैबिनेट में पास किया गया।

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मुख्य सचिव एसएस संधू ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि, पहाड़ों में इस तरह की छोटी-छोटी टनल्स को पार्किंग के तौर पर इस्तेमाल में लाया जाएगा। असल में यह प्रस्ताव लोक निर्माण विभाग द्वारा रखा गया था, जिसे धामी सरकार की बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में मंज़ूरी मिल गई। इन टनल्स के निर्माण के लिए रेल विकास निगम लिमिटेड, टिहरी हाइड्रो पावर डेवलपमेंट काॅरपोरेशन और उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड जैेसी संस्थाएं मिलकर काम करेंगी।

कैबिनेट ने कुछ और बड़े फैसले लेते हुए उत्तराखंड भूस्खलन राहत एवं प्रबंधन केंद्र से जुड़े प्रस्ताव को भी मंज़ूरी दी। आपदा की ज़द में रहने वाले राज्य के इस फैसले को महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि यह देश में इस तरह का पहला केंद्र होगा। इसके अलावा, 2019 से अटके हुए देहरादून-मसूरी रोपवे के प्रोजेक्ट के काम में तेज़ी लाने को भी मंज़ूरी दी गई क्योंकि ऊंचाई के बारे में स्पष्टता न होने के कारण यह मामला पेंडिंग चल रहा था।

अधिकारियों के अनुसार, मोबाइल कंपनियां राज्य में अपने टावर लगा रही हैं, अब सरकार उनसे शुल्क वसूलेगी, यह फैसला भी कैबिनेट में हुआ।