नगरोटा एनकाउंटर केस में चल रही जांच में लगातार नए खुलासे हो रहे है और सरे खुलासे पकिस्तान की और निशाना साध रहे है। प्राप्त जानकारी के अनुसार अभी पता चला है कि एनकाउंटर में मरे गए चारों आतंकियों को पाकिस्तान से कमांडो ट्रेनिंग मिली थी। मिली हुई जानकारी के मुताबिक, भारत में हमला करने आ रहे आतंकियों ने अंधेरी रात में ही करीब 30 किलोमीटर पैदल सफर तय किया था। इनके पास दक्षिण कश्मीर अंडरग्राउंड समर्थकों से लिंक थी। जिस के काऱण इनको अंदर घुसने में थोड़ी आसानी हुई।
मिली हुई खबर के अनुसार, इस घुसपैठ का नेतृत्व जैश ए मोहम्मद के ऑपरेशनल कमांडर कासिम जान कर रहे थे ऐसा पता चला है। वह 2016 में हुए पठानकोट एयर बेस हमले का मुख्य साजिशकर्ता है। विदेश मंत्रालय ने अपने जारी बयान में बताया था कि ‘जम्मू कश्मीर के नगरोटा में 19 नवंबर को भारतीय सुरक्षा बलों ने एक बड़े आतंकवादी हमले की साजिश को नाकाम किया। शुरुवाती जांच से ऐसे संकेत मिले है कि हमलावर पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के मेंबर थे। ’
रात में 30 पैदल चले थे आतंकी
हिंदुस्तान टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक, आतंकियों के पास से ग्लोबल पोजिसनिंग सेट्स, वायरलेस सेट्स और रिसिवर्स बरामद हुए है। जिस से यह उम्मीद लगाई का सकती है कि चारो आतंकी कमांडो युद्ध के लिए तैयारी करके आए थे। वो जैश कैंप से सांभा बॉर्डर तक पैदल-पैदल आए थे। फिर वो अपने गंतव्य स्थान जटवाल पर पहुंचे। मतलब उन्होंने पैदल ही करीब 30 किलोमीटर का सफर तय किया था वह भी अंधेरी रात में ही।
3 घंटे में सफर तय किया था
इंटरनैशनल बॉर्डर से 8.7 किलोमीटर की दूरी पर जटवाल गांव स्थित है. वहीं जटवाल से शकर गढ़ की दूरी 30 किलोमीटर आँकी जा रही है. माना जा रहा है कि घुसपैठ सांभा सेक्टर से हुई होगी. ऐसी आशंका जताई जा रही है कि आतंकी कैंप से जटवाल की दूरी को आतंकियों ने करीब 3 घंटे में तय किया गया होगा।