कलेक्टर सिंह ने तहसील न्यायालय, लोक सेवा गारंटी केन्द्रों का किया औचक निरीक्षण

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इंदौर 17 नवम्बर, 2020
कलेक्टर मनीष सिंह ने आज कलेक्टर कार्यालय में औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने तहसील न्यायालय बिचौली हप्सी में दर्ज राजस्व प्रकरणों के निराकरण की वस्तु स्थिति देखी। उन्होंने लोक सेवा गारंटी केन्द्रों की व्यवस्थाओं को देखा। इस अवसर पर अपर कलेक्टर पवन जैन, अजय देव शर्मा, कीर्ति खुरासिया सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
कलेक्टर मनीष सिंह आज अचानक कलेक्टर कार्यालय में स्थित बिचौली हप्सी राजस्व न्यायालय पहुंचे। यहां उन्होंने राजस्व प्रकरणों के निराकरण की समीक्षा की। रैंडम आधार पर उन्होंने अनेक प्रकरण देखें। इस निरीक्षण के दौरान पाया गया कि तहसीलदार द्वारा प्रथम दृष्टया राजस्व न्यायालय में न्यायालयीन प्रक्रियाओं का उल्लंघन किया गया है। बटांकन, नक्शा तरमीम, डुप्लिकेट ऋण पुस्तिका के प्रकरणों के निराकरण में आर्डर शीट नहीं लिखी गई है। एक प्रकरण में आदेश जारी हो चुके है परंतु हस्ताक्षर नहीं है। एक प्रकरण में पटवारी की रिपोर्ट में दिनांक का उल्लेख नहीं है। प्रकरणों में जारी हुये आदेश संबंधित आवेदकों के मिले की नहीं इसका भी कोई उल्लेख नहीं मिला।
तहसीलदार और रीडर को कारण बताओं सूचना पत्र
कलेक्टर मनीष सिंह द्वारा किये गये निरीक्षण के दौरान राजस्व प्रकरणों के निराकरण में मिली अनियमिताएं और लापरवाही पर बिचौली हप्सी के तहसीलदार राजेश सोनी को कारण बताओं सूचना पत्र जारी किया जा रहा है। इसका जवाब असंतोषजनक पाये जाने पर आगामी कार्यवाही की जायेगी। इसी तरह इनके रीडर आशीष शर्मा को विभागीय जांच के लिये कारण बताओं सूचना पत्र दिया जा रहा है।
लोक सेवा केन्द्रों की व्यवस्थाओं को सुदृढ़ और पारदर्शी
कलेक्टर मनीष सिंह ने अपने निरीक्षण के दौरान बताया कि लोक सेवा केन्द्रों की व्यवस्थाओं को और अधिक सुदृढ़ और पारदर्शी बनाया जा रहा है। आमजन को बेहतर राजस्व सेवा उपलब्ध कराने के लिये लोक सेवा केन्द्रों का विकेन्द्रीय करण किया जायेगा। राजस्व संबंधी 33 सेवाओं के लिये अलग से राजस्व सेवा केन्द्र बनाने की व्यवस्था की जायेगी। यह सुनिश्चित किया जायेगा कि आवेदकों को पारदर्शी, त्वरित एवं सुचितापूर्ण सेवाएं उपलब्ध हो।
बिचौलियों, दलाल या अन्य अनाधिकृत व्यक्तियों की संलिप्तता पाये जाने पर होगी सख्त कार्यवाही
कलेक्टर मनीष सिंह ने निर्देश दिये है कि सभी राजस्व अधिकारी अपने-अपने न्यायालयों में नियमित रूप से बैंठे। प्रकरणों को गंभीरता से सुने। प्रकरणों का  निराकरण निर्धारित समय-सीमा में करें। कोई भी प्रकरण समय-सीमा के बाहर लम्बित नहीं रहे। जितने भी प्रकरण अभी लम्बित है उनका त्वरित निराकरण करें। सभी राजस्व अधिकारी और कर्मचारी अपने कार्यों को पूर्ण इंमानदारी, निष्ठा और जिम्मेदारी के साथ पारदर्शी रूप से करें। कार्य में किसी भी तरह की लापरवाही और अनियमिता नहीं की जाये। प्रकरणों में संबंधित पक्षकार, उनके अधिकृत प्रतिनिधि तथा वकीलों से ही प्रकरणों के बारे में चर्चा करें। अन्य किसी बिचौलियों, दलाल या अन्य अनाधिकृत व्यक्तियों संलिप्तता पाये जाने पर संबंधित राजस्व अधिकारी और कर्मचारियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जायेगी।