एनडीए की राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू और विपक्ष के संयुक्त प्रत्याशी यशवंत सिन्हा राष्ट्रपति भवन की रेस में हैं। सोमवार को 4000 से ज्यादा सांसद और विधायक देश के 15वें राष्ट्रपति का चुनाव करेंगे। कई क्षेत्रीय दल भी एनडीए की उम्मीदवार मुर्मू का समर्थन करने वाले हैं। इनमें शिवसेना, ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक की बीजू जनता दल, नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड, शिरोमणि अकाली दल, मायावती की बहुजन समाज पार्टी, AIADMK, टीडीपी, वाईएसआरसीपी और चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास शामिल है।
बता दें कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सबसे पहले विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार की बात रखी थी। यशवंत सिन्हा पूर्व केंद्रीय मंत्री हैं और आईएएस अधिकारी रह चुके हैं। शरद पवार, फारूक अब्दुल्ला और गोपालकृष्ण का नाम पहले राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए आगे लाया गया था लेकिन बाद में यशवंत सिन्हा का नाम फाइनल हुआ।मुर्मू की जीत ऐतिहासिक इसलिए होगी क्योंकि उनके राष्ट्रपति बनने के बाद कई रेकॉर्ड बन जाएंगे। वह पहली ऐसी राष्ट्रपति होंगी जिनका जन्म आजाद भारत में हुआ है। 64 साल की उम्र में वह राष्ट्रपति बनेंगी और वह पहली आदिवासी राष्ट्रपति होंगी। मुर्मू देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति होंगी।
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राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग संसद भवन और विधानसभा में सुबह 10 से शाम 5 बजे की बीच होगी। कोई भी पार्टी अपने सांसदों और विधायकों के लिए विप नहीं जारी कर सकती है। सेक्रेट बैलेट के जरिए वोटिंग होगी।चुनाव आयोग ने वोटिंग की गोपनीयता बनाए रखने के लिए एक खास पेन का इंतजाम किया है जिससे वे अपने पसंद के प्रत्याशी को मार्क कर सकेंगे। चुनाव आयोग के दिशा निर्देशों के मुताबिक सांसदों को हरे रंग का बैलट और विधायकों को गुलाबी रंग का बैलट मिलेगा। राज्यों के हिसाब से विधायकों के वोट की वैल्यू डिसाइड होगी। यूपी के विधायकों की वैल्यू 208 है वहीं झारखंड और तमिलनाडु की 176. 21 जुलाई को वोटों की गिनती होगी।