स्वर्गीय वैभव तारे का आकस्मिक निधन- अवनीद़ जोशी

Shraddha Pancholi
Published on:

अवनीद़ जोशी। सन 2001 से 2010 के दशक प्रिंट मीडिया का सशक्त सेल्स टीम के सदस्य का अचानक बीमार होकर चले जाना बड़े दुख का विषय है। सन 2001 में दैनिक भास्कर इंदौर संस्करण में डिस्प्ले क्लासिफाइड टीम का गठन कर रहा था। तब यह यंग ब्रिगेड जुटी थी। एक नवीन सेगमेट पर कार्य करते बड़े जिम्मेदार सेल्स फोर्स टीम खड़ी हो गई थी। बाद में इन युवाओं में कई बड़े सेगमेंट पर कार्य किया और 2010 आते-आते प्रबंधक भी बन गए। परिस्थिति वशअन्य व्यवसाय की ओर रुख करना पड़। आज सभी उक्त वक्त के कार्यरत युवा सेल्स फोर्स ने कई क्षेत्रों में नया मुकाम हासिल किया है। तारे जी इन विलक्षण युवाओं में से एक थे, जिद और जुनून के पक्के़ रियल स्टेट बिजनेस के क्षेत्र में सभी बड़े मालिक को उनको नाम से पुकारते जानते पहचानते थे।

Must Read- पानी पानी रे!!

बीमारी के कठिन समय में उस वक्त के साथीयो ने पूर्व प्रबंधकों ने उन्हें सहायता भी प्रदान की जो निसंदेह संतोषजनक एवं सराहनीय है। युवा सेल्स फोर्स को लेकर संस्थानों में उनके भविष्य के लिए ठोस योजना होनी चाहिए, ताकि आकस्मिक स्थिति में उनकी मदद हो सके। नॉन जर्नलिस्ट वर्किंग फोर्स का संगठन होना चाहिए, जो इस तरह के परिवारों में आने वाली आपदा के समय मदद जुटा सके। इलाज बीमा आदि का प्रबंध हो सके। यह समय की मांग है मीडिया संस्थानों में वर्तमान में कार्यरत एवं भूतपूर्व नान जनरलिस्ट वर्क फोर्स का अखिल भारतीय एव राज्य स्तरीय संगठन का गठन होना चाहिए। ताकि एक दूसरे की मदद कर सके संगठन के गठन में मीडिया संस्थानों को घबराने की बजाए सकारात्मक सोच के साथ आगे आकर संगठन बनाने में सहयोग करना उचित होगा। ताकि स्वर्गीय वैभव तारे जैसे युवा उचित इलाज का प्रबंध हो सके और अचानक आई आपदा से पार पाया जा सके।