MP: रोटेशन पद्धति से आरक्षण ना कराना प्रशासन को पड़ा भारी, उच्च न्यायालय ने भेजा नोटिस

Shraddha Pancholi
Published on:

इंदौर: मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने आगामी निकाय चुनावों हेतू प्रदेश की 317 नगरीय निकायों के वार्डो में SC/ST वर्ग हेतू रोटेशन प्रक्रिया का पालन नही करने को गंभीरता से लिया है तथा मध्यप्रदेश सरकार के नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव मनीष सिंह को न्यायालय की अवमानना का नोटिस जारी कर जवाब मांगा है, वही इंदौर कलेक्टर द्वारा वार्डो के आरक्षण की कार्रवाई के दौरान जयेश गुरनानी द्वारा दिये गये हमदस्त नोटिस के बाद भी SC/ST के वार्डो का आरक्षण नही करने के विरुद्ध आरक्षण निरस्त कर पुनः रोटेशन प्रक्रिया से करने को लेकर लगी याचिका पर सुनवाई अब 9 जून को होगी ।
Must Read- Indore: इंडेक्स मेडिकल कॉलेज में हुआ पुनः देहदान, शहर के प्रभाकर गणेश रिसबुड का संकल्प हुआ पूर्ण
याचिकाकर्ता द्वारा बताया गया कि माननीय उच्च न्यायालय इंदौर ने उनकी याचिका पर अंतिम निर्णय दिनांक 10 जनवरी 2022 को पारित कर इंदौर नगर निगम के 85 वार्डो के आरक्षण को समाप्त कर आरक्षण की कार्रवाई उच्च न्यायालय इंदौर द्वारा आदेश दिनांक 10 जनवरी 2022 को अंतिम आदेश से समाप्त किया था और आरक्षण माननीय सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ द्वारा के. कृष्णमूर्ति विरुद्ध यूनियन ऑफ इंडिया में निर्धारित की गई रोटेशन पद्धति से करने के निर्देश दिये थे। परन्तु न्यायालय के आदेश के विपरीत मध्य्प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश की 317 नगरीय निकायों के गत 35 मई को आरक्षण की कार्यवाही रोटेशन पदत्ति नही की गई, जिसपर याचिकाकर्ता द्वारा जवाबदार अफसरों को दंडित करने के लिए माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष 1 जून 2022 को अवमानना याचिका दायर की गई थी जिसकी सुनवाई आज न्यायालय द्वारा की गई।

Must Read- Indore: प्रेस्टीज संस्थान के छात्र ने किया शहर का नाम रौशन, उत्कृष्ट पटकथा लेखन के लिए मिला ‘हॉलीवुड स्क्रिप्ट अवार्ड’
गुरनानी एवं कौशल के अभिभाषक विभोर खंडेलवाल ने माननीय न्यायालय के समक्ष पैरवी करते हुए बताया कि चुनाव को समय पर कराने तथा संवैधानिक रूप से कराने का निवेदन भी न्यायालय से किया है परंतु मध्य्प्रदेश सरकार द्वारा वार्डो के आरक्षण को लेकर की गई त्रुटि के कारण आरक्षण निरस्त करने तथा मतदान की निर्धारित दिनांक से पूर्व सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित रोटेशन पदत्ति से पूनः आरक्षण कर चुनाव कराने के लिए याचिका की सुनवाई 9 जून को माननीय उच्च न्यायालय इंदौर खंडपीठ के समक्ष होगी। उक्त अवमानना याचिका पर सुनवाई के लिये पूर्व में ही स्वीकार कर ली गई है।