चैतन्य भट्ट
एक तो लोग बाग़ कोरोना से हलाकान हैं, न कोई किसी के घर जा रहा है न कोई किसी के घर आ रहा है, अगर भूले भटके कोई आ भी जाता है तो गेट पर से ही बात करके उसे रुखसत कर दिया जाता है, महीनों हो गए है एक दूसरे से बिना मिले, जाहिर है अब ले दे के एक मोबाइल ही बचा है जो एक दूसरे से संपर्क के काम में आ रहा है पर बुरा हो इस ‘कंनेक्टिविटी’ का हर आधे मिनिट में ‘कॉल ड्राप’ हो जाता है क्या बीएसएनएल, क्या जिओ, क्या वोडाफोन, क्या आइडिया हर जगह एक सी स्थिति है, आप कॉल लगाओ बात शुरू होती हैं चार वाक्य उधर से इधर, और चार वाक्य उधर से इधर बोले जाते हैं और कॉल ड्राप हो जाता है इस चकार में लोगों के सम्बन्ध कैसे कांच की भांति टूट रहे हैं इसका अंदजा इन टेलीफोन कंपनियों के मालिकों को नहीं होगा, अब देखो न एक ‘आशिक’ ने अपनी ‘महबूबा’ को कॉल किया और बोला ‘तुम्हारी सहेली कल मिली थी बड़ी हसीन है’ और कॉल ड्राप हो गया, माशूका का गुस्सा सातवें आसमान पर कि प्यार मुझसे करता है और तारीफ मेरी सहेली की कर रहा हैं बस क्या था ‘ब्रेकअप’ हो गया आशिक लाख समझाने की कोशिश कर रहा है कि मैं तो ये कह रहा था कि ‘कल तुम्हारी सहेली मिली थी बहुत हसीन है पर तुम्हारे सामने कुछ भी नहीं’
आगे का वाक्य बोल ही नहीं पाया और कॉल ड्राप हो गया l एक और आशिक की आपबीती लगभग ऐसी ही है, माशूका से मोबाइल पर बात हो रही थी बातों ही बातों में उसने कहा ‘मैं तुमसे प्यार नहीं करता’ और कॉल ड्राप हो गया, महबूबा भड़क गयी सारे सम्बन्ध तोड़ लिए, अब बेचारा आशिक सफाई देते फिर रहा है कि मैं कह रहा था कि ‘मैं तुमसे प्यार नहीं करता बल्कि तुम्हारे लिये जान तक दे सकता हूँ’ पर अब क्या हो सकता है l एक शौहर की कहानी तो और भी दर्द भरी है, बीबी से कहा ‘तुम्हारी जैसी बीबी भगवान् किसी और को न दे’, और कॉल ड्राप हो गया तब से बेचारा बरामदे में पड़ा हैं, खाना पीना भी बंद है बार बार वो बीबी को समझा रहा है कि वो तो ये कह रहा था कि ‘ऐसी बीबी भगवान् किसी को न दे सात जनम तक सिर्फ मुझे ही दे’ पर बीबीयों को कभी समझया जा सकता है क्या ,एक नेताजी इसी कॉल ड्राप के चक्कर में अलसेट खा गए, हाई कमान को फोन लगाया और वंहा से कहा गया कि ‘आपको टिकिट नहीं मिलेगी’ और कॉल ड्राप हो गया,
नेताजी ने गुस्से में दूसरी पार्टी ज्वाइन कर ली बाद में पता लगा कि हाईकमान कह रहा था कि ‘आपको टिकट नहीं मिलेगी हम आपको डायरेक्ट निगम का अध्यक्ष बना रहे हैं’ एक बाबू तो बेचारा इस कॉल ड्रॉप के चक्कर में सस्पेंड हो गया उसने अपने बॉस से मोबाइल पर कहा ‘सर आप रिश्वत लेते हैं’ और कॉल ड्राप हो गया, अफसर गुस्से से लाल कि उसके बाबू की इतनी हिम्म्मत आव देखा न ताव बाबू को सस्पेंड कर दिया, बेचारा बाबू साहब के चेंबर के सामने बैठ कर बतला रहा है कि वो तो ये कह रहा था कि ‘सर आप रिश्वत लेते हो ये चर्चा हो रही हैं पर मुझे पूरा भरोसा है कि आप जैसा ईमानदार अफसर मैंने अपनी जिंदगी में नहीं देखा’ पर जो होना था तो हो गयाl इस कॉल ड्रॉप के चक्कर में क्या क्या हो रहा है देख लिया आपने, कम्पनी वालो अभी भी अपने नेटवर्क को सुधार लो वरना किसी दिन किसी किसी मंत्री या डिपार्टमेंट के किसी सरकारी अफसर से धंधे की बात करते करते यदि कॉल ड्राप हो गया तो समझ लेना क्या से क्या हो सकता है मालूम है न l
ये भी निकल लिए
लो भैया एक और विधायक कांग्रेस का हाथ छोड़कर कमल की शरण में चला गया, अभी तो चुनाव में कुछ दिन बाकी है लेकन जिस स्पीड से कांग्रेस के विधायकों में भगदड़ मची है उसको देखकर तो ये ही लगता है कि बीजेपी के दफ्तर के सामने कांग्रेसी विधायकों की लम्बी लाइन लगी है जैसे पुराने जमाने में सिनेमाघरों की टिकिट लेने और उसके बाद हाल के अंदर जाने ले लिए जैसे मारा मारी मचती थी वैसी ही अब बीजेपी दफ्तर के सामने मची हुई है, हर कोई चाह रहा है कि वो किसी तरह बीजेपी में एंट्री ले ले। ये वो ही राहुल लोधी साहेब है जो अपने चचेरे भाई के कांग्रेस से बीजेपी में जाने पर लम्बे चौड़े उपदेश झाड़ रहे थे कि जो लोग बीजेपी में गये हैं वे सब बिकाऊ हैं मैं तो ‘अंगद’ का पैर हूँ कांग्रेस ने मुझे पहचान दी है और मैं उसमें ही रहूंगा पर अचानक राहुल जी को पता नहीं किस पेड़ के नीचे बैठ कर ‘बुद्ध ज्ञान’ हो गया कि कांग्रेस में कुछ नहीं धरा है वंहा जाओ जहां कुछ मिलने की आशा है सो चले गये, अपने को तो लगता है कि जिस गति से कांग्रेसी नेता बीजेपी में शामिल हो रहे है ऐसा न हो कि चुनाव आते आते कांग्रेस में नेताओं की संख्या इकाई तक पंहुच जाए l
सुपर हिट ऑफ़ द वीक
श्रीमती जी को शक करने की आदत थी, श्रीमान जी के घर पर आने के बाद उनकी पूरी तलाशी लेती और उनके कपड़ों पर यदि कोई ‘बाल’ भी दिख जाए तो आसमान सर पर उठा लेती थी एक दिन जब श्रीमान जी के कपड़ों पर बाल का नामों निशान न देखकर फूट फूट कर रोने लगी और बोली
‘ हे भगवान् क्या अब तुम ‘गंजी औरतों’ से इश्क लड़ाने लगे हो’l