Indore: सांवेर में नर्मदा पेयजल लोकार्पण के कार्यक्रम में शामिल हुए जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट (Tulsiram Silavat) की जुबान एक बार फिर से फिसल गई है. इस कार्यक्रम में मीडिया से चर्चा करने के दौरान उन्होंने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बोल दिया है. यह पहली बार नहीं है जब सिलावट ने सिंधिया को मुख्यमंत्री कहा हो. 2 साल पहले जब वह नर्मदा पेयजल योजना का शुभारंभ कर रहे थे तब उन्होंने सिंधिया को मध्य प्रदेश का सीएम कहकर संबोधित कर दिया था. सोमवार को भी शुभारंभ कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बातचीत में उन्होंने यही कह दिया. उनकी इस चूक पर तुरंत ही समर्थकों ने उन्हें याद दिलाया कि सिंधिया मध्य प्रदेश के सीएम नहीं हैं. उनके इस बयान के बाद राजनीति फिर से गरमा गई है और कांग्रेस, भाजपा सरकार पर निशाना साधते दिख रही है.
बता दे कि सांवेर में नर्मदा के भूमि पूजन के बाद जब मंत्री सिलावट मीडिया से चर्चा कर रहे थे तब उन्होंने कहा कि नर्मदा आगमन के लिए सांवेर की जनता मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) का बहुत-बहुत धन्यवाद ज्ञापित करती है. सिलावट ने 28 जुलाई 2020 को भी नर्मदा पेयजल योजना के भूमि पूजन के दौरान यह कहा था कि जब नर्मदा मैया सांवेर पहुंच जाएंगी तो आपका बेटा और सीएम ज्योतिरादित्य सिंधिया भी यहां आएंगे.
सिंधिया जी के समर्थक मंत्री तुलसी सिलावट अब शिवराज जी को मुख्यमंत्री भी नही मान रहे है…?
उनके मुताबिक़ CM तो सिंधिया है…
कोई मंत्री भाजपा को जिताने को जनता की गलती बता रहा है , कोई भूल…
दिल की बात रोज़ जुबाँ पर आ रही है…
अब है महाराज भाजपा ,अब नही चलेगी शिवराज भाजपा… pic.twitter.com/kLb07ZSyKu
— Narendra Saluja (@NarendraSaluja) May 24, 2022
तुलसीराम सिलावट (Tulsiram Silavat) का वीडियो जैसे ही सामने आया, कांग्रेस ने भाजपा सरकार और सिलावट पर तंज कसना शुरू कर दिया. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव राकेश सिंह यादव ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) से सवाल पूछ लिया है कि क्या तुलसीराम सिलावट सिंधिया को मुख्यमंत्री मानते हैं या फिर शिवराज को मुख्यमंत्री पद से हटाकर सिंधिया को यह पद दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा हुआ तो गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा क्या कदम उठाएंगे.
तुलसीराम सिलावट (Tulsiram Silavat) के इस बयान के कई सारे मतलब भी निकाले जाने लगे हैं और राजनीतिक गुटों में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा जोरों से चल रही है और यह कहा जा रहा है कि अगले विधानसभा चुनाव के बाद पार्टी का एक बड़ा हिस्सा सिंधिया को मुख्यमंत्री के रुप में देखना चाहता है.