कमलनाथ सरकार ने पूरे राज्य को धोखा दिया: शिवराज

Author Picture
By Akanksha JainPublished On: October 10, 2020

भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की सरकार पर पैसों की कमी को लेकर तंज देते हुए कहा कि, जो नेता पैसे की कमी का दिखावा करता है, वह कैसा नेता है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गुरुवार को सीएम चौहान ने सुवासरा, हाटपिपल्या के मंडल सम्मेलनों में हिस्सा लिया और कहा कि, जब भी कांग्रेस सरकार के समय एक विधायक, मंत्री ने अपने निर्वाचन क्षेत्र के विकास के बारे में बात की थी, कमलनाथ के पास केवल एक ही जवाब था, पैसा नहीं। उन्होंने कहा कि, विकास के लिए पैसे की कोई कमी नहीं है। पैसे की कमी के बहाने कोई नेता अपने हाथ से कैसे बैठ सकता है? नेता वह होता है जिसे चौराहे पर लोगों की नौकरी मिलती है। मुसीबत से कौन रास्ता निकालता है।

सीएम ने आगे कहा कि, कमलनाथ सरकार पूरे समय पैसे की कमी का रोना रोती रही, लेकिन हमने कोरोना संकट में भी इसके लिए व्यवस्था की। यह सच है कि आर्थिक समस्या है, लेकिन हमने इससे बाहर निकलने का रास्ता खोज लिया। यहां तक ​​कि कोरोना युग में, हम गरीबों और मजदूरों के खाते में पैसा डालते हैं। एक लाख 78 हजार लाभार्थियों के खातों में सामाजिक सुरक्षा राशि डालें। पेंशन के लिए 14 सौ करोड़ रुपये। रुपये। बच्चों की छात्रवृत्ति के लिए दिए गए 540 करोड़, मिड-डे मील के पैसे दिए और रसोइयों के खाते में दो हजार रुपये जोड़े। हर व्यक्ति को भोजन की व्यवस्था मिली।

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के एक बयान को सामने लाया, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री ने पूछा था कि, मेरे साथ क्या गलत हुआ, क्या पाप था, जिसने सरकार को गिरा दिया। जिसके बाद सीएम शिवराज ने कहा कि,” मैं कहता हूं कि कमलनाथ को कितनी गलतियां करनी चाहिए? हम बच्चों की फीस देते थे, आपकी सरकार ने रोक दिया। बहनों को 16000 लड्डू दिए, रुक गए। कन्यादान योजना की राशि नहीं दी, गरीब की मृत्यु पर भुगतान की जाने वाली राशि नहीं दी, आपने गरीबों का कफन छीन लिया है। बुजुर्गों की तीर्थयात्रा रुक गई, बच्चों के लैपटॉप, स्मार्टफोन छीन लिए और पूछा कि उन्होंने क्या पाप किया है।”

उन्होंने आगे कहा कि, कमलनाथ सरकार ने पूरे राज्य को धोखा दिया, धोखा दिया। ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके साथियों ने आकर राज्य को बचा लिया, वरना अगर वह सरकार पांच साल और चलती, तो पता नहीं चलता कि राज्य का क्या होता। ऐसी सरकार को गिराना कोई पाप नहीं है।