Indore: नेपाल के पशुपतिनाथ पीठ की फर्जी स्वयंभू महिला शंकराचार्य हेमानंद गिरी का शनिवार को इंदौर में घोर विरोध किया गया. अरविंदो हॉस्पिटल के पास शाकंभरी गार्डन में आई हेमानंदगिरि के खिलाफ शंकराचार्य भक्त मंडल के सदस्यों ने इकट्ठा होकर नारेबाजी की और उन्हें सनातन धर्म के विरुद्ध बताया.
इस विरोध प्रदर्शन के दौरान शंकराचार्य भक्त मंडल के प्रमुख सदस्य अंतिम शुक्ला ने अपने साथियों के साथ फर्जी शंकराचार्य वापस जाओ सनातन धर्म को दूषित मत करो जैसे नारे भी लगाए. शंकराचार्य मठ इंदौर के प्रभारी डॉ गिरीशानंद महाराज का बयान भी सामने आया उन्होंने कहा कि भारत में आदि शंकराचार्य ने चार पीठों की स्थापना की है जिनमें तीन शंकराचार्य हैं. इनके अलावा कोई अन्य व्यक्ति शंकराचार्य के रूप में मान्य नहीं किया जाएगा. जो व्यक्ति अपने आपको शंकराचार्य बता रहा है वह फर्जी है. हेमानंदगिरी के बारे में उन्होंने कहा कि वह शांकर परंपरा और सनातन धर्म के विरुद्ध काम कर रही है. उन्होंने नेपाल में कुछ साधु-संतों को इकट्ठा कर कुछ साल पहले पशुपतिनाथ पीठ बनाया और खुद को शंकराचार्य बताने लगी. जबकि पशुपतिनाथ मंदिर ट्रस्ट ने खुद उन्हें फर्जी शंकराचार्य घोषित किया हुआ है.
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उन्होंने कहा कि सबसे बड़े शांकर एवं ज्योतिष और शारदा पीठ यानी दो पीठों के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती यह कहते हैं कि भारत में स्थापित चार पीठों के अलावा किसी अन्य को शंकराचार्य के रूप में मान्य नहीं किया जा सकता. शांकर परंपरा में किसी महिला को शंकराचार्य के रूप में मान्यता भी नहीं दी गई है. डॉ गिरीशानंद महाराज का कहना है कि सनातन धर्म की रक्षा के लिए जरूरी है कि फर्जी संतों का बहिष्कार किया जाए. क्योंकि इनकी वजह से सनातन धर्म बदनाम हो रहा है.