हाथरस : हाथरस पीड़िता के परिवार से मिलने उनके घर पहुंचें कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने देर तक पीड़ित परिवार से बंद कमरे में मुलाक़ात की. इस दौरान दोनों नेता पीड़ित परिवार को ढांढस बंधाते हुए नज़र आए. वहीं प्रियंका गांधी ने पीड़िता की माँ को गले लगाकर सांत्वना दी.
पीड़ित परिवार से करीब 1 घंटे तक मुलाकात करने के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि, हम अन्याय के खिलाफ लड़ेंगे. परिवार आखिरी बार अपनी बच्ची का चेहरा तक नहीं देख सका. सीएम योगी आदित्यनाथ को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी. जब तक बिटिया को न्याय नहीं मिलता, तब तक हम लड़ेंगे. वहीं पीड़ित परिवार से मुलाक़ात के बाद कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि, दुनिया की कोई भी ताकत परिवार की आवाज को दबा नहीं सकती.
प्रियंका-राहुल सहित 5 नेताओं को दी मंजूरी…
बता दें कि DND पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने राहुल और प्रियंका का काफ़िला रोक लिया था. उनके साथ 35 सांसद और हजारों की संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता भी मौजूद थे. लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा महज राहुल गांधी और प्रियंका गांधी सहित 5 नेताओं को ही जाने की अनुमति प्रदान की गई. इनमें राहुल-प्रियंका के अलावा अधीर रंजन चौधरी, किसी वेणुगोपाल और मुकुल वासनिक शामिल रहें. अनुमति के बाद ये सभी नेता DND से हाथरस के लिए निकल पड़ें.
बता दें कि इससे पहले 1 अक्टूबर को भी राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा हाथरस के लिए दिल्ली से पीड़ित परिवार से मिलने के लिए निकलें थे. हालांकि उन्हें इसमें सफ़लता नहीं मिल पाई थी. यमुना एक्सप्रेस वे पर भारी पुलिस बल की तैनाती ने दोनों नेताओं का काफ़िला रोक लिया था. इसके बाद दोनों नेता पैदल ही चलने लगे थे. हालांकि इस दौरान राहुल गांधी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं की पुलिस से धक्का-मुक्की और झूमा झटकी भी हो गई थी. इस दौरान राहुल गांधी जमीन पर भी गिर गए थे. कोरोना महामारी और हाथरस में लागू धारा 144 के कारण पुलिस ने राहुल और प्रियंका को हाथरस की ओर जाने नहीं दिया और दोनों नेताओं को गिरफ़्तार कर लिया था. इसके बाद पुलिस दोनों नेताओं को F-1 गेस्ट हॉउस ले गई थी. लेकिन कुछ समय बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने राहुल-प्रियंका को छोड़ दिया था. इसके बाद भाई-बहन की यह जोड़ी खाली हाथ वापस दिल्ली लौट गई थी. हालांकि भाई-बहन की इस जोड़ी ने आज फिर हाथरस की ओर कूच किया और उन्हें इसमें सफ़लता मिल गई.