दिल्ली के जेएनयू में एक बार फिर लेफ्ट और राइट विंग के छात्रों के बीच तनातनी हो गई है. विवाद इतना बढ़ गया की हिंसा तक पहुंच गया जिसमें कुछ छात्र घायल भी हो गए हैं. JNU छात्र संघ के अध्यक्ष ने बताया कि यहां हिंसक झड़प हुई है जिसमें कुछ छात्र घायल हुए हैं. इस झड़प के बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के समर्थक JNU पहुंचे और नारेबाजी करने लगे जिसे देखते हुए मेन गेट बंद कर दिया गया.
इससे पहले शाम को भी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और लेफ्ट विंग के छात्र आपस में भिड़ गए थे और इनमें झड़प हो गई थी. कुछ वामपंथी छात्रों ने आरोप लगाया था कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र उन्हें नॉनवेज खाना नहीं खाने दे रहे हैं. लेफ्ट विंग के छात्रों ने भी शिकायत की थी कि एबीवीपी के छात्र कावेरी हॉस्टल में मेस के सचिव से मारपीट कर रहे थे. वहीं एबीवीपी का कहना है कि लेफ्ट विंग के छात्र कावेरी हॉस्टल में रामनवमी की पूजन नहीं होने दे रहे हैं.
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इस पूरे मामले में एबीवीपी के जनरल सेक्रेटरी निधि त्रिपाठी का ट्वीट भी सामने आया है जिसमें उन्होंने लिखा कि JNU के कावेरी हॉस्टल में मेस के अंदर एक और इफ्तार पार्टी हो रही है वहीं दूसरी तरफ राम जन्म उत्सव पर हवन किया जा रहा है, लेकिन समाज को तोड़ने वाले कुछ लोगों को यह रास नहीं आ रहा इसलिए झूठ का सहारा लेकर राम कार्य में विघ्न डाल रहे हैं.
वही खाने के बाद से शुरू हुई हिंसक झड़प को देखते हुए यूनिवर्सिटी की ओर से एक नोटिस जारी किया गया है जिसमें यह कहा गया है कि कैंपस में किसी भी धर्म के खाने-पीने पर कोई पाबंदी नहीं है. रमजान हो या रामनवमी हर कोई इसे अपने तरीके से मना सकता है. यूनिवर्सिटी ने यह भी कहा कि किसी के पहनावे, खाने और आस्था पर कोई रोक टोक नहीं कर सकता. सभी अपने धर्म का पालन करते हैं. मेस स्टूडेंट कमेटी ही चलाती है और मेन्यू वही तय करते हैं.
फिलहाल यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से वार्डन को नोटिस जारी कर यह बात कह दी गई है कि हर व्यक्ति अपनी आस्था के मुताबिक पूजा कर सकता है और अपने धर्म का पालन कर सकता है इसमें यूनिवर्सिटी की तरफ से किसी भी तरह की मनाही नहीं है.