जिसकी पूजा करते हैं किसान, उसे ही जला रहा विपक्ष: पीएम मोदी

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By Akanksha JainPublished On: September 29, 2020
PM narendra modi

 

देहरादून: ‘नमामि गंगे मिशन’ के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को उत्तराखंड में छह मेगा परियोजनाओं का वीडियो कांफ्रेंसिंग से उद्घाटन किया। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि जल जीवन मिशन से हर घर तक शुद्ध जल पहुंचाया जाएगा. गंगा हमारी विरासत का प्रतीक है, गंगा देश की आधी आबादी को समृद्ध करती है। पहले भी गंगा की सफाई को लेकर बड़े अभियान चलाए, लेकिन उनमें जनभागीदारी नहीं थी। अगर वही तरीके अपनाते तो गंगा साफ ना होती।

इस दौरान पीएम ने कृषि बिल पर जारी विरोध पर भी प्रतिक्रिया दी। पीएम ने कहा कि देश के किसानों, श्रमिकों और देश के स्वास्थ्य से जुड़े बड़े सुधार किए गए हैं। इन सुधारों से देश का श्रमिक सशक्त होगा, देश का नौजवान सशक्त होगा, देश की महिलाएं सशक्त होंगी, देश का किसान सशक्त होगा. लेकिन आज देश देख रहा है कि कैसे कुछ लोग सिर्फ विरोध के लिए विरोध कर रहे हैं।।

विपक्ष पर हमला बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज जब केंद्र सरकार, किसानों को उनके अधिकार दे रही है, तो भी ये लोग विरोध पर उतर आए। ये लोग चाहते हैं कि देश का किसान खुले बाजार में अपनी उपज नहीं बेच पाए। जिन सामानों की, उपकरणों की किसान पूजा करता है, उन्हें आग लगाकर ये लोग अब किसानों को अपमानित कर रहे हैं।

वर्षों तक ये लोग कहते रहें कि MSP लागू करेंगे, लेकिन किया नहीं। MSP लागू करने का काम स्वामीनाथन कमीशन की इच्छा के अनुसार हमारी ही सरकार ने किया। आज ये लोग एमएसपी पर भी भ्रम फैला रहे हैं। देश में एमएसपी भी रहेगी और किसान को देश में कहीं भी फसल बेचने की आजादी भी रहेगी, लेकिन ये आजादी कुछ लोग बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। इनकी काली कमाई का एक और जरिया समाप्त हो गया है। इसलिए इन्हें परेशानी हो रही है।

सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांगने पर विपक्ष को घेरते हुए पीएम ने कहा कि 4 वर्ष पहले का यही तो वो समय था, जब देश के जांबांजों ने सर्जिकल स्ट्राइक करते हुए आतंक के अड्डों को तबाह कर दिया था। लेकिन ये लोग अपने जांबाजों से ही सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांग रहे थे। सर्जिकल स्ट्राइक का भी विरोध करके, ये लोग देश के सामने अपनी मंशा साफ कर चुके हैं। ये लोग न किसान के साथ हैं, न नौजवानों के साथ और न वीर जवानों के साथ। हमारी सरकार ने वन रैंक वन पेंशन का लाभ सैनिकों को दिया तो उन्होंने इसका भी विरोध किया।

भारत की पहल पर जब पूरी दुनिया अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मना रही थी, तो ये भारत में ही बैठे ये लोग उसका विरोध कर रहे थे। जब सरदार पटेल की सबसे ऊंची प्रतिमा का अनावरण हो रहा था, तब भी ये लोग इसका विरोध कर रहे थे। आज तक इनका कोई बड़ा नेता स्टैच्यू ऑफ यूनिटी नहीं गया है। पिछले महीने ही अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए भूमिपूजन किया गया है।ये लोग पहले सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर का विरोध कर रहे थे फिर भूमिपूजन का विरोध करने लगे। हर बदलती हुई तारीख के साथ विरोध के लिए विरोध करने वाले ये लोग अप्रासंगिक होते जा रहे हैं।