आज यानी 27 मार्च को दशा माता (Dasha Mata Vrat) की पूजा की गई. बता दें कि, दशा माता का वाटर फाल्गुन या कृष्ण पक्ष में मनाया जाता है. आज ही के दिन महिलाएं इस खास पर्व का व्रत करती है. साथ ही दशा माता और पीपल के पेड़ की भी पूजा करती हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, दशा माता एक नारी शक्ति का रूप है. महिलाएं इस पर्व पर एक सूती धागे में दस गांठें बांधती है और फिर पीपल के पेड़ के चारों तरफ बांध देतीं हैं.
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वहीं, इस ख़ास पर्व पर महिलाएं व्रत रखकर अपने परिवार की खुशियों की कामना भी करतीं हैं. बता दें कि, एक बार यह व्रत करने के बाद इसे जीवन भर करना चाहिए। इस व्रत को करने के कुछ अहम् नियम होते जो कि आपको जानना बेहद ज़रूरी है. इस दिन व्रत करने वाली महिला सिर्फ एक ही प्रकार के अनाज का सेवन कर सकती है.
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इस क्रम में ज्यादातार महिलाएं गेहूं का सेवन करती हैं. लेकिन इसमें नमक का सेवन नहीं किया जाता है. साथ ही इस पर्व के दिन कोई भी पैसे उधार नहीं देता है या कोई भी नई वस्तुएं नहीं खरीदते हैं. इसी तरह इन नियमों का पालन करके महिलाएं अपना व्रत कर खुशियों की कामना करतीं हैं. साथ ही वह ग्रहों की स्थिति में सुधार के लिए देवी-देवताओं का आशीर्वाद भी मांगती है. इसके अलावा घर के मुख्य द्वार के दोनों ओर हल्दी और कुमकुम के हाथ छापती है. ताकि इससे घर कि बुराई और नकारात्मकता ख़त्म हो जाए.