इंदौर : इंदौर (Indore) शहर में रंगपंचमी (Rangpanchmi) के दिन गेर निकलती है। इसका लोगों के बीच काफी ज्यादा उत्साह देखने को मिलता है। इस साल इस गेर को लेकर लोग काफी ज्यादा उत्सुक है। क्योंकि कोरोना की वजह से दो साल गेर नहीं निकली है ऐसे में इस साल निकल रही है तो लोग काफी ज्यादा उत्सुक है। लेकिन बताया जा रहा है कि लोगों को रंगों में भिगोने वाली टोरी कॉनर्र की गेर इस बार नहीं निकलेगी।
शेखर गिरी ने गेर नहीं निकालने का निर्णय
दरअसल, इस पारंपरिक गेर मार्ग के बीच खुदाई चल रही है। ऐसे में प्रशासन से तालमेल नहीं बैठ पा रहा है। जिसके चलते गेर संचालक शेखर गिरी ने गेर नहीं निकालने का निर्णय लिया है। आपको बता दे, ये तीसरा साल होगा जब इस मार्ग से गेर नहीं निकाली जाएगी। कहा जा रहा है कि इस बार इस गेर के शामिल नहीं होने से संभव है कि इस बार गेर के उत्साह में कमी आएगी।
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जानकारी के मुताबिक, आधा किमी की खुदाई होने की वजह से इस बार जिला प्रशासन ने सभी गेर संचालकों के साथ एक बैठक की थी। ऐसे में गेर के लिए रास्ता लोहार पट्टी से होकर सराफा, राजबाडा होते हुए उसी मार्ग से लौटने का तय किया गया। ऐसे में इसको लेकर हिन्द रक्षक फाग यात्रा, रसिया कॉर्नर, मॉरल क्लब, संगम गेर के संचालकों ने अपनी सहमति दी है। वहीं टोरी कॉर्नर गेर संचालक गिरी इस रुट से सहमत नहीं है।
पारंपरिक गेर निकलना संभव नहीं
दरअसल, उनका कहना है कि प्रशासन ने जो रुट तय किए है उसमें उनकी पारंपरिक गेर निकलना संभव नहीं है। इस वजह से ये गेर नहीं निकाली जाएगी। क्योंकि ये गेर काफी लंबी होती है। दरअसल, इसमें दो बड़े टैंकर, दो डीजे की गाडियां, चार ट्रेक्टर, आयशर सहित कई वाहनों के साथ हजारों लोग शामिल होते हैं। ऐसे में इसमें काफी ज्यादा जगह लगती है। लेकिन लोहार पट्टी वाले रोड पर यह संभव ही नहीं है।