आज बुधवार, फाल्गुन शुक्ल सप्तमी तिथि (Tithi) है।
आज रोहिणी नक्षत्र, “आनन्द” नाम संवत् 2078 है
(उक्त जानकारी उज्जैन के पञ्चाङ्गों के अनुसार है)
-कल गुरुवार से होलाष्टक प्रारम्भ।
-होली पर्व पर वर्ण अथवा जाति भेद का कोई स्थान नहीं होता है।
-होली पूजन के समय निम्न मन्त्र का उच्चारण करना चाहिए –
असृक्पाभय संत्रस्तै: कृता त्वं होलि बालिशै:।
अतस्त्वां पूजयिष्यामि भूते भूतिप्रदा भव।।
-फाल्गुन शुक्ल अष्टमी से पूर्णिमा पर्यन्त 8 दिन होलाष्टक मनाया जाता है।
-भारत के कई प्रदेशों में होलाष्टक शुरू होने पर एक पेड़ की शाखा काटकर उसमें रंग-बिरंगे कपड़ों के टुकड़े बांधते हैं।
-इस शाखा को जमीन में गाड़ दिया जाता है। सभी लोग इसके नीचे होलिकोत्सव मनाते हैं।
-होलाष्टक लगने के बाद पारिवारिक माङ्गलिक कार्य नहीं किए जाते हैं।