इंदौर : वूमंस प्रेस क्लब मध्य प्रदेश द्धारा अतंर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में लगातार पिछले आठ सालों से यह शक्ति सम्मान का आयोजन किया जा रहा है, इस बार भी महिला दिवस के अवसर पर इंदौर के ब्रिलिएंट कॉन्वेंट सेंटर में सफल आयोजन किया गया जिसमें अपनी प्रतिभा से अपने नाम सफलता की कहानी लिखने वाली आदिवासी महिलाओं सहित 41 महिला पत्रकारों को शक्ति सम्मान से सम्मानित किया गया।
शक्ति समारोह में मुख्य वक्ता के रूप में पधारे पूर्व अपर मुख्य सचिव मनोज श्रीवास्तव ने अपने उद्द्बोधन मे कहा कि हमारे यहां महिलाओं को शक्ति स्वरूपा माना गया है जहा उनकी पूजा होती है वही दूसरी तरफ कन्या जन्म के पहले ही उनको कोख मैं मार दिया जाता है ये दोहरापन बंद होना चाहिए।
ये विचार पूर्व जनसंपर्क आयुक्त और लेखक मनोज श्रीवास्तव के है जो उन्होंने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर वूमंस प्रेस क्लब मध्यप्रदेश द्वारा ब्रिलेंट कन्वेंशन सेंटर मैं नेशनल टॉक शो,सोशल अवार्ड और मीडिया अवार्ड समारोह में व्यक्त किए।समारोह के मुख्य अतिथि सांसद शंकर लालवानी थे।विशेष अतिथि भाजपा की महामंत्री कविता पाटीदार,प्रदेश प्रवक्ता dr दिव्या गुप्ता,युवा नेता प्रदेश उपाध्यक्ष जीतू जिराती,वरिष्ठ पत्रकार dr जयराम शुक्ल और आयुषी देशमुख थी।
इस मौके पर जिराती ने कहा कि भाजपा मैं महिलाओं को आगे बढ़ने के भरपूर अवसर दिए,यही वजह है कि सांसद रही और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पद्मभूषण सुमित्रा महाजन,पूर्व महापौर मालिनी गौड़ तक महिलाओं की लंबी श्रृंखला है।उन्होंने आगे कहा कि आवश्यकता इस बात की है की हम लड़कियों को शिक्षित करे खासकर गांव की ताकि उनका शक्तिकरण हो सके।
Dr जयराम शुक्ल ने कहा कि पत्रकारिता मैं उच्च पदों पर महिला पत्रकार और संपादकों की संख्या गिनी चुनी है और हिंदी पत्रकारिता मैं उन्हें उतना सम्मान नही जितना अंग्रेजी। पत्रकारिता मैं मिलता है। महिला आरक्षण बिल को बने एक दशक हो गया लेकिन वह कानून की शक्ल नही ले पाया।
Dr दिव्या गुप्ता ने कहा कि जो महिलाएं आर्थिक रूप से कमजोर है उसे सशक्त करने की अधिक जरूरत है। जिस दिन हमने लड़कियों को शिक्षित कर दिया और लडको को संस्कारित करे दिया उस दिन समाज की कई समस्या ये दूर हो जाएगी।
कविता पाटीदार ने कहा कि महिलाओं के शसक्त होने से भारत शसक्त बनेगा। वूमंस प्रेस क्लब की अध्यक्षशीतल रॉय ने कहा कि हमारा मकसद महिलाओं को आगे लाना और समाज के सामने एक रोल माडल प्रस्तुत करना ताकि दूसरे भी प्रेरणा ले। इसी को मद्देनजर रख यह आयोजन गत आठ वर्षो से लगातार किया जा रहा है।इस बार अपने हुनर के दम पर सफलता की कहानी लिखने वाली 11 आदिवासी महिला शक्तियों को शक्ति अवार्ड से सम्मानित किया गया।साथ ही विविध क्षेत्रों मैं सेवारत और मीडिया से जुड़ी महिला पत्रकारों को सम्मानित किया गया।
इनका हुआ सम्मान
सुश्री उपमिता वाजपेई,शुभांगी मिश्रा,नीलम गुर्वे,श्वेता श्रावस्ती ,सविता तिवारी,आरती परिहार,मोहिनी वर्मा,रजनी खेतान,वंदना जोशी,निधि जैन,श्रद्धा बुंदेला,नेहा परिहार,सूचिका जायसवाल,सीमा शर्मा,अलका सोनकर,साधना तोड़ी,dr, अनीता वैष्णव,dr विनीता कोठारी, फोजिया शेख, अनिला पाराशर,आकृति मेहरा,बबिता अग्रवाल,तृप्ति बैरागी,ममता शर्मा,नीलिमा गुप्ता,dr वंदना मिश्र,आरती मेहरा,आशी चौहान,मोनिका शर्मा,शीतल अग्रवाल,योगिता शर्मा,सीमा वास्कले,सुधा सस्ते बदले देवड़ा,चंदा बाबू,दीपिका चंद्रावत,श्रीमणि नलवाया,रामला हटीला और शांता भगत।
अतिथि स्वागत शीतल रॉय,ऋतु साहू,शिखा शर्मा ,सरिता शर्मा ने किया,।प्रतीक चिन्ह ऋतु साहू और शीतल रॉय ने प्रदान किए।संचालन किया सुनयना शर्मा नेऔर आभार माना सरिता शर्मा ने। कार्यक्रम मैं पत्रकार प्रवीण खारीवाल, महेद्र सोनगिरा, पीयूष पारे,प्रियंका शर्मा, मुकेश तिवारी, चंद्रशेखर शर्मा,पीयूष भट्ट सहित बड़ी संख्या मैं मीडियाकर्मी एवम गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। कार्यक्रम का आभार व्यक्त किया अध्यक्ष शीतल रॉय ,सचिव ऋतु साहू,कोषाध्यक्ष शिखा जैन , संरक्षक सरिता शर्मा,रचना जौहरी,पुष्पा शर्मा ने किया।