इंदौर की प्रसिद्ध ‘गेर'(Indore’s famous ‘Ger’) जो हर बार रंगपंचमी पर धूमधाम से निकलती थी लेकिन पिछले 2 वर्षों से कोरोना का ग्रहण इस पर लगा हुआ था जो अब हट चुका हैं। इस बात की जानकारी खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को बुढ़ी बरलाई की सभा के दौरान कही।
बुढ़ी बरलाई की सभा में मुख्यमंत्री ने कहा कि अब कोरोना जा रहा है। अब गेर भी निकालो और शिवरात्रि भी मनाओ। साथ ही कहा कि होली-रंगपंचमी भी धूमधाम से मनाओ। आपको बता दे कि इंदौर में धुलेंडी के बाद रंगपंचमी पर गेर निकालने की परंपरा बहुत पुरानी हैं।
बताया जाता हैं कि ये परम्परा आजादी के पहले से ही चलन में हैं। खासकर होल्कर राजवंश के दौरान ये फली फूली, और आज एक परम्परा बन गई। जिसे हर वर्ष धुलेंडी के बाद रंगपंचमी पर निकाला जाता हैं। रंगपंचमी पर निकलने वाली इस गेर के नाम कई रिकॉर्ड भी दर्ज हैं।
अब दो वर्षों बाद फिर इंदौरी उत्साह के साथ गेर निकालेंगे और ये उत्साह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के दिए गए बयान के बाद और अधिक बढ़ गया हैं। हालांकि अभी भी एक बड़ी समस्या सामने हैं। हर बार जिस मार्ग से होकर गेर निकला करती थी, अब वहां मार्ग चौड़ीकरण का कार्य चल रहा है, ऐसे में गेर को कही अन्यत्र मार्ग से निकाले जाने पर विचार किया जा सकता हैं।
वहीं रंग पंचमी महोत्सव समिति के समन्वयक शेखर गिरी ने बताया कि 2 वर्ष बाद फिर दुगने उत्साह के साथ हम गेर निकालने की तैयारियों में लग गए हैं। जबकि मारल क्लब के आयोजक अभिमन्यु मिश्रा ने भी कहा हैं कि इस बार गेर को लेकर कार्यकर्ताओं में विशेष उत्साह देखने को मिल रहा हैं। उन्होंने बताया कि इस गेर के लिए 100 सदस्यी ढोल पार्टी जो महाराष्ट्र के अमरावती से आएगी को विशेष तौर पर बुलाया जा रहा है।