MP: रोजगार को लेकर Congress ने BJP पर उछाला कीचड़, कहा- रोजगारों का श्वेत पत्र जारी करें

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By Akanksha JainPublished On: February 22, 2022

भोपाल। मध्य प्रदेश में बेराजगारी के संबंध में प्रदेश कांग्रेस (Congress) महामंत्री के.के. मिश्रा (KK Mishra) ने प्रदेश सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj singh chouhan) से श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है। आपको बता दें कि, प्रदेश में आगामी 25 फ़रवरी को रोजगार दिवस (Emplyment Day) मनाया जाएगा। इसको लेकर के.के. मिश्रा (KK Mishra) ने बीजेपी (BJP) पर निशाना साधा है। के.के. मिश्रा ने आज मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि, प्रदेश सरकार 25 फरवरी को रोजगार दिवस मानाने जा रही है। जो की लाखों बेरोजगारों के साथ एक भद्दा मजाक व उनके जख्मों पर नमक डालने का प्रयास है।

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उन्होंने कहा कि, आज प्रदेश में पंजीकृत बेरोजगार युवाओं का आंकड़ा 34 लाख के करीब पहुंच चुका है। लेकिन श्रम पोर्टल के अनुसार पिछले पांच माह में देश में 24.54 करोड़ असंगठित कामगार आंकड़ों के साथ मप्र में यह संख्या 1.21 करोड़ हो गई है। बावजूद, इसके असहनीय स्थिति के हमारे मुख्यमंत्री पिछले दो महीनों में सवा 5 लाख युवाओं को रोजगार देकर आत्मनिर्भर बनाने और प्रतिमाह एक लाख लोगों को रोजगार दिये जाने की बात कह रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि, विधानसभा चुनाव की नजदीकियों के चलते अगले दो वर्षों में 30 लाख लोगों को रोजगार के झूठे सपने दिखाये जा रहे हैं, जो हकीकत से कोसो दूर है।

केके मिश्रा ने आज बीजेपी पर वार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने बीते दिनों युवाओं को रोजगार के लिये कानून बनाने की बात कही है, वह न्यायोचित है, क्योंकि जब विधानसभा में बिना चर्चा किये बगैर शिवराज सरकार 21 कानून बना सकती है, जिनका अमल आज तक दिखाई नहीं दे रहा है तो युवा पीढ़ी के व्यापक हितों में इस विषयक काूनन क्यों नहीं? लिहाजा, यह प्रस्ताव आगामी बजट सत्र में ही पारित किया जाए, ताकि बेरोजगार युवा हकीकत से रूबरू हो सकें। हमारी यह भी मांग है कि प्रदेश में व्याप्त बेरोजगारी को लेकर शिवराज सरकार श्वेत-पत्र भी जारी करे।

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केके मिश्रा ने प्रदेश के भविष्य पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि रोजगार नहीं होने के कारण प्रदेश का भविष्य युवा अन्य प्रदेशों में पलायन कर रहा है। 20 फरवरी को छतरपुर में प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने तो सीधे तौर पर यह कह डाला है कि रोजगार के अभाव में बुंदेलखंड के पांच जिलों, छतरपुर, टीकमगढ़, पन्ना, हटा और दमोह के 10 से 12 लाख नौजवान पलायन कर मजदूरी करने हेतु दिल्ली चले गये हैं। उन्होंने बताया कि, सरकारी दफ्तरों में 1,15,756 पद रिक्त है। रिक्त पदों का प्रतिशत इस प्रकार है-

श्रेणीस्वीकृत पदरिक्त पदप्रतिशत
प्रथम44442,43154%
द्वितीय82,93055,03666%
तृतीय2,91,40548,25717%
चतुर्थ 36, 66510,03227%

 

के.के. मिश्रा ने आगे कहा कि, कुल मिलाकर प्रदेश में प्रशासनिक व्यवस्था को संचालित करने के लिए केवल तृतीय श्रेणी के कर्मचारी बचे हैं। द्वितीय श्रेणी अधिकारियों के लिए आरक्षित प्रमुख पदों पर तृतीय श्रेणी के कर्मचारियों को प्रभारी बनाकर बैठा दिया गया है। सारी प्रशासनिक व्यवस्था चरमरायी हुई है। हाल ही में भोपाल नगर पालिक निगम में जो अधिकारी रिश्वत लेते हुए पकड़ाया है, वह खुद बेलदार है। जो स्वीकृत पद पर नियुक्ति न होने के कारण काम कर रहा था। साथ ही उन्होंने कहा कि, एक ओर राज्य सरकार जहां युवाओं को रोजगार देने का छल कर रही है, वहीं पंजीयन कार्यालयों में तीन केटेगरी में पंजीयन के नये फार्मेट का निर्माण कर रही है। यह अपने आप में पंजीकृत आंकड़े कम करने का एक अमानवीय षड्यत्र हैं जो राज्य सरकार की ‘नीति और नियत’ को स्पष्ट कर रहा है।