शहर में पहली बार किसी अस्पताल के लोगों ने बनाई संघर्ष समिति

Akanksha
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Greater kailash sangharsh samiti

इंदौर: शहर में पहली बार किसी अस्पताल के लोगों ने संघर्ष समिति बनाई है। इंदौर के ओल्ड पलासिया स्थिति ग्रेटर कैलाश अस्पताल के सलाहकार डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ और तकनिकी कर्मचारियों ने एक संघर्ष समिति बनाई है, जो अस्पताल के सभी छोटे बड़े वेतनभोगी, मानदेय धारक, बकायाधारों के बकाया धन और अन्य अधिकारों के लिए प्रतिबद्ध है।

यह समिति शहर के 80 से अधिक वरिष्ठ सलाहकार डॉक्टर्स का प्रतिनिधि संगठन है, जो ग्रेटर कैलाश अस्पताल से डॉक्टर्स के बकाया वेतन और मानदेय के लिए लंबे समय से संघर्षरत है। इस संबंध में प्रमाणिक कथन है कि

  • अस्पताल और डॉक्टरों के लेनदेन का यह विवाद न्यूनतम दो साल या उससे भी अधिक पुराना है। इस धनराशि या विवाद का करोना की विकित्सा से कोई संबंध नहीं।
  • डॉक्टरों के वेतन और मानदेय के अलावा अन्य स्वास्थ्यकर्मियों और अस्पताल के उत्पाद/सेवा प्रदाताओं के प्रति ग्रेटर कैलाश अस्पताल का करोड़ों रुपए अनेक वर्षों से बकाया है ।
  • हमारी इस समिति के गठन के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय सहित स्वास्थ्य विभाग और शासन-प्रशासन के हर स्तर पर अस्पताल की हेराफेरी की शिकायत की गई।
  • मुख्यमंत्री कार्यालय से प्रारंभ एक कार्यवाही के फलस्वरुप कुछ डॉक्टरों के भुगतान के लिए विलंबित चेक्स दिए गए, जो लगभग सभी बैंक से वापस हुए, जिनके लिए अनेक प्रकरण कोर्ट में पेश किए गए हैं।
  • आगे यह कार्यवाही सीएमएचओ कार्यालय में लंबित है जिसके लिए अनेक स्मरण और सामूहिक ज्ञापन संबंधित अधिकारियों को दिए गए हैं।
  • नोटबंदी के दौरान ग्रेटर कैलाश अस्पताल पर फर्जी बिलिंग सहित अनेक गंभीर अनियमितताओं के लिए आयकर विभाग सहित प्रवर्तन निदेशालय की कार्यवाही हुई जिसके बाद से ही डॉक्टरों व अन्य सेवा प्रदाताओं के वेतन और मानदेय लंबित हैं।

Greater kailash sangharsh samiti

  • डॉक्टरों की बकाया धनराशि उनका वेतन या मानदेय है न कि दलाली या कमीशन और इस राशि के लिए अस्पताल द्वारा नियमित टीडीएस भी जमा किया गया है जबकि मूलधन वर्षों से लंबित है।
  • 29 अगस्त 2020 को अस्पताल के एक नियमित सलाहकार डॉ विवेक श्रीवास्तव द्वारा बारबार निवेदन के बाद भी डॉ अनिल बंडी जी ने अपनी केबिन में होते हुए भी मिलने से मना किया । इसपर डों विवेक के बिना अनुमति उनके केबिन में प्रवेश करने से छुन्ध होकर डॉ बंडी ने उनके साथ हाथामाइ की जिससे डॉ विवेक को हाथ में गंभीर चोट आई। इस संबंध में डॉ विवेक द्वारा तत्काल स्थानीय पलासिया थाने में डॉ बंडी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई। डॉ बंडी द्वारा डॉ विवेक के विरुद्ध की गई झूठी शिकायत को पुलिस ने अस्वीकार कर दिया ।
  • गंभीर आर्थिक अपराधों में लिप्त ग्रेटर कैलाश अस्पताल चिकित्सा के क्षेत्र में एक कलंक बन चुका है, नियमित वेतनभोगी व सलाहकार डॉक्टरों सहित सैकड़ों स्वास्थ्यकर्मियों के करोड़ों रुपयों की बकाया राशि की उगाही के लिए हमारी समिति अस्पताल के विरुद्ध हर संभव प्रयास करने के लिए प्रतिबद्ध है।