ड्रोन के जरिये खेती को बढ़ावा देने के लिए आगे आएं कृषि के छात्र- मंत्री तोमर

Akanksha
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नई दिल्ली, 11 फरवरी 2022: भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) का 60वां दीक्षांत समारोह आज केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के मुख्य आतिथ्य में हुआ। इस अवसर पर तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व में देश विभिन्न क्षेत्रों में आगे बढ़ रहा है और उपलब्धियां प्राप्त कर रहा है, वहीं कृषि क्षेत्र पर विचार करें तो भारतीय कृषिकी स्थिति और भी ज्यादा गौरवान्वित करने वाली है। तोमर ने कृषि कीतेजी से प्रगति के लिए नई टेक्नालाजी व संसाधन अपनाने पर जोर देते हुए ड्रोन के माध्यम से खेती को बढ़ावा देने के लिए कृषि के छात्र-छात्राओं से आगे आने का आह्वान किया।

पूसा, नई दिल्ली में आयोजित गरिमामय दीक्षांत समारोह में केंद्रीय मंत्री तोमर नेउन्नत किस्मों व प्रौद्योगिकियों के विकास के माध्यम से खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आईएआरआई द्वारा किए गए महत्वपूर्ण योगदान की सराहना की। उन्होंने छात्रों को उद्यमिता विकास के लिए प्रेरित करते हुए खेती को व्यवसाय-उद्यम के रूप में अपनाने की अपील की। कृषि अनुसंधान और किसान कल्याण के क्षेत्र में भारत सरकार की प्राथमिकताओं पर प्रकाश डालते हुए तोमर ने किसानों के लाभ और विभिन्न हितधारकों के लिए रोजगार सृजन हेतु ड्रोन प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देने पर जोर दिया तथा बताया कि सरकार ने ड्रोन पालिसी घोषित कर दी है।

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यह कृषि क्षेत्र के लिए काफी उपयोगी है। इससे किसानों को बहुत बचत होगी। सरकार ने ड्रोन संबंधी प्रशिक्षण देने के लिए शत-प्रतिशत सहायता-अनुदान देने का निर्णय लिया है। कृषि के विद्यार्थी इसमें बेहतर भूमिका का निर्वहन कर सकते है। कृषि के छात्र-छात्राओं के लिए सब्सिडी का प्रावधान भी है। तोमर ने कहा कि विद्यार्थी, संस्थान से कृषि की डिग्री हासिल कर केवल नौकरी ही नहीं करें या सिर्फ प्रशिक्षण ही नहीं दें, बल्किस्वयं खेती भी करें, जिससे वे देश केलिए एक बड़ा योगदान दें सकेंगे।

तोमर ने कहा कि छोटे किसानों को परेशानी से बचाते हुए उन्हें सुविधाएं मुहैया कराने के लिए प्रधानमंत्री जी ने विशेष रूप से 10 हजार नए एफपीओ बनाने की योजना लागू की है, जिस पर सरकार 6,865 करोड़ रू. खर्च कर रही है। साथ ही, 1 लाख करोड़ रू. के कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड से ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों के लिए सुविधाएं जुटाई जा रही है।दलहन-तिलहन व आयल पाममिशन के माध्यम से सरकार बड़े पैमाने पर किसानों, वैज्ञानिकों व राज्य सरकारों के सहयोग से काम कर रही है, जिसके अच्छे परिणाम भी परिलक्षित हो रहे हैं। तोमर ने कहा कि कृषि हमारे देश का मुख्य आधार है, कृषि क्षेत्र मजबूत रहेगा तो देश मजबूत रहेगा।कृषि में ज्ञान-विज्ञान सहित विविध पहलुओं का ध्यान रखना होगा।

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कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी विशिष्ट अतिथि थे। डॉ. त्रिलोचन महापात्र, सचिव डेयर और महानिदेशक- भाकृअनुप, डॉ. ए.के. सिंह, कुलपति और निदेशक-आईएआरआई और डॉ. रश्मि अग्रवाल, डीन व संयुक्त निदेशक (शिक्षा) भी उपस्थित थी। मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि ने पुरस्कार और डिग्रियां प्रदान की। संस्थान के पोस्ट ग्रेजुएट स्कूल से284 छात्रों को डिग्री मिली, जिनमें 8 विदेशी छात्र शामिल हैं। इस अवसर पर प्रो. आर.बी. सिंह,पूर्व निदेशक, आईएआरआई को डी.एससी मानद उपाधि से सम्मानित किया गया।

मुख्य अतिथि ने फल-सब्जियों की 6 किस्मों को राष्ट्र को समर्पित किया। प्रारंभ में निदेशक डॉ. ए.के. सिंह ने संस्थान की उपलब्धियां बताते हुए जानकारी दी कि संस्थान द्वारा विकसित गेहूं की किस्में देश के अन्न भंडार में लगभग 60 मिलियन टन गेहूं का योगदान करती हैं। कार्यक्रम में परिषद के उप महानिदेशक और अतिरिक्त महानिदेशक, संस्थान के पूर्व निदेशक व डीन, परियोजना निदेशक, डिवीजनों के प्रमुख और प्रोफेसर सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी भाग लिया। बड़ी संख्या में संकाय सदस्यों, छात्रों व कर्मचारियों ने वर्चुअल मोड माध्यम से कार्यक्रम को देखा।