Lata Mangeshkar : स्वर सम्राज्ञी लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) ने अपने गायिका के कॅरियर की शुरूआत वर्ष 1942 में एक मराठी फिल्म किती हासिल से की थी। इसमें उन्होंने अपना पहला गीत गाया तो था लेकिन बाद में इस गाने को हटा दिया गया। हालांकि इस धटना के करीब पांच सालों बाद ही फिल्मों में अपने गायन की शुरूआत वे कर सकी थी।
अमानत अली से ली पहली दीक्षा
लता ने सबसे पहले गायन की दीक्षा उस्ताद अमानत अली खां से ली थी। शास्त्रीय संगीत में उस्ताद का जाना पहचाना नाम था और लता ने उनसे ही शास्त्रीय संगीत की बारीकियां सीखी। इसके बाद वे पंडित तुलसीदास शर्मा एवं उस्ताद बड़े गुलाम अली खां जैसे महान कलाकारों के भी सानिध्य में रही और अपने कॅरियर को गति दी।
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पतली आवाज लगती थी निर्देशकों को
जिस वक्त लता ने फिल्मों में गायकी के लिए प्रवेश किया था उस वक्त शमशाद बेगम, नूरजहां जैसी गायिकाआंे का वर्चस्व था, बावजूद इसके उन्होंने अपना भाग्य आजमाया तो सही लेकिन फिल्मों के निर्देशकों को उनकी आवाज पतली लगती थी और इस कारण उन्हें अपना सफर तय करने में परेशानी का भी सामना कई बार करना पड़ा।
अभिनय भी किया स्वर सम्राज्ञी ने
महज 13 वर्ष की उम्र में लता के सिर से उनके पिता का साया उठ गया था। ऐसी स्थिति में उनके पास परिवार को चलाने की जिम्मेदारी आ गई। पुणे से मुंबई भी उन्हें अपने परिवार के साथ आना पड़ गया और फिर उन्होंने आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए एकाध फिल्म में अभिनय भी किया। वैसे लता को अभिनय करना पसंद नहीं था।
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