नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत मिशन के बाद देश में इसको लेकर काम भी शुरू हो गया है। डिफेंस रिसर्च एंड डेवलेपरमेंट ऑर्गनाइजेशन ने आत्मनिर्भर भारत की ओर अपना पहला कदम भी बढ़ा लिया है। दरअसल, DRDO ने सोमवार को स्वदेशी रूप से विकसित स्क्रैमजेट प्रोपल्शन सिस्टम का उपयोग कर हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डेमोनट्रेटर वाहन का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।
इस बार की जानकारी खुद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर दी है। राजनाथ सिंह ने कहा कि ‘मैं डीआरडीओ को इस कामयाबी के लिए शुक्रिया अदा करना चाहूंगा, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के विजन को आगे बढ़ाया। मैंने परियोजना से जुड़े वैज्ञानिकों से बात की और उन्हें इस महान उपलब्धि पर बधाई दी। भारत को उन पर गर्व है।’
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इससे पहले जून 2019 में इसका पहला परीक्षण किया गया था.। इसका इस्तेमाल हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल बनाने और काफी कम खर्चे में सैटेलाइट लॉन्चिंग में की जाएगी। साथ ही हाइपरसोनिक और लंबी दूरी की क्रूज मिसाइलों के लिए यान के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा।
हाइपरसोनिक टेक्नॉलजी डेमोनस्ट्रेटर वाहन, हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल प्रणाली विकसित करने संबंधी देश के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम का अहम हिस्सा है। भारत उन चुनिंदा देशों के क्लब में शामिल हो गया है, जिनके पास यह तकनीकी है। अमेरिका, रूस, और चीन के बाद भारत चौथा ऐसा देश है, जिसने इस तकनीक को विकसित किया है।