इंदौर की मशहूर मेघदूत चौपाटी के दुकानदारों का दुख कम होने का नाम नहीं ले रहा है। चौपाटी बंद होने के बाद, आज से उन्होंने अनशन और धरना शुरू कर दिया है। सभी दुकानदार मेघदूत गार्डन के सामने धरने पर बैठे हैं और नगर निगम से उनकी मांग है कि उन्हें दुकान लगाने के लिए वैकल्पिक स्थान उपलब्ध कराया जाए।
पांच हजार लोगों के रोजगार पर गिरी गाज
मेघदूत चौपाटी को मेट्रो स्टेशन निर्माण के कारण हटाया गया है। इस प्रक्रिया में 500 से अधिक दुकानें बंद कर दी गईं, जिससे करीब पांच हजार लोग बेरोजगार हो गए। चौपाटी पर युवा, बुजुर्ग और महिलाएं सभी वर्गों के लोग छोटे-बड़े व्यापार करते थे। कई परिवार अपनी आजीविका के लिए पूरी तरह से इन दुकानों पर निर्भर थे।
आर्थिक तंगी में बच्चों की पढ़ाई पर संकट
आनंद मिश्रा ने बताया कि उनकी स्थिति इतनी खराब हो गई है कि वे घर चलाना भी मुश्किल हो रहा है। उन्होंने कहा कि कई लोग अपने बच्चों की स्कूल फीस नहीं भर पाए हैं और घर का खर्च उधार लेकर पूरा कर रहे हैं। मिश्रा ने यह भी स्पष्ट किया कि जब तक प्रशासन उन्हें दुकान लगाने के लिए नई जगह आवंटित नहीं करता, वे धरना जारी रखेंगे।
मंगल सिटी के पीछे स्थान देने की थी योजना
मिश्रा ने बताया कि नगर निगम को दुकानदारों को दुकान लगाने के लिए स्थान उपलब्ध कराना चाहिए और इसके बदले शुल्क लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी दुकानदार शुल्क चुकाने के लिए तैयार हैं। मिश्रा ने यह भी उल्लेख किया कि निगम ने पहले मंगल सिटी के पीछे स्थान देने का आश्वासन दिया था, लेकिन बाद में उस पर भी मना कर दिया।