शिक्षा क्षेत्र में उत्कृष्ठ कार्य करने वाले 175 शिक्षको का हुआ सम्मान

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इंदौर। सामान्य प्रशासन प्रभारी नंदकिशोर पहाडिया ने बताया कि प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी 5 सितम्बर को पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस को शिक्षक दिवस के रूप में मनाते हुए मान. सुश्री शोभा पैठनकर पूर्व सदस्य म.प्र. लोक सेवा आयोग, मान. डॉ. सचिन शर्मा प्राध्यापक आईएमएस देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट एवं महापौर श्री पुष्यमित्र भार्गव द्वारा रविन्द्र नाटय गृह में इंदौर में शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ठ कार्य करने वाले 175 शिक्षको को शॉल, श्रीफल, प्रशस्ति पत्र, मोमेन्टो देकर सम्मानित किया गया, इस अवसर पर जनप्रतिनिधियो के साथ ही समस्त शिक्षको द्वारा साथ में भोजन भी किया गया।

इस अवसर पर श्री सत्यनारायण सत्तन गुरूजी, पूर्व विधायक श्री गोपी कृष्ण नेमा, महापौर परिषद सदस्य श्री नंदकिशोर पहाडिया, श्री निरंजनसिंह चौहान, श्री अभिषेक शर्मा, सचेतक, श्री मनीष शर्मा मामा, श्री कमल वाघेला, पार्षद श्रीमती कंचन गिदवानी, श्रीमती सुनीता हार्डिया, श्री प्रणव मंडल, श्री ओपी आर्य, श्री भरत रघुवंशी, श्री राजीव जैन, जिला शिक्षा अधिकारी श्रीमती सुषमा वैश्य, अपर आयुक्त श्री मनोज पाठक, बडी संख्या में विभिन्न विद्यालय के प्राचार्य, उपप्राचार्य, व्याख्यता, शिक्षाविद, सहायक शिक्षक, शिक्षक, उच्च श्रेणी शिक्षक, प्रधान अध्यापक व अन्य उपस्थित थे।

मान. सुश्री शोभा पैठनकर पूर्व सदस्य म.प्र. लोक सेवा आयोग ने कहा कि देश के पूर्व राष्ट्रपति श्री सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस को शिक्षक दिवस के रूप में मनाते हुए आज हम सभी शिक्षको को सम्मान करने जा रहे है, शिक्षक का हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान रहता है, शिक्षक विद्यार्थी के चरित्र को चरित्रार्थ करने में सहयोग करता है, गुरू व्यक्तित्व निर्माण के साथ ही कठिन परिस्थिति में कार्य करने व कठिनाई का सामना करना भी सिखाता है, जिससे शिक्षको की शिक्षा अनंतकाल तक प्रभावित रहती है।

मान. डॉ. सचिन शर्मा प्राध्यापक आईएमएस देवी अहिल्या विश्वविद्यालय ने कहा कि शिक्षक विद्यार्थी को पढाते हुए, उसकी रूचि अनुसार विषयो पर ध्यान केन्द्रित करना भी सिखाना चाहिये, यदि हम शिक्षक विद्यार्थी को नवाचार व रूचिकर विषयो के साथ पढाएगे तो उसके परिणाम बहुत ही अलग और बेहतर आएगे, शिक्षको को विद्यार्थी को नई सोच, शोध के लिये प्रोत्साहित करते रहना चाहिये, कक्षा में पाठयक्रम के अनुसार पढाते हुए विद्यार्थी को रूचिकर विषयो पर भी जानकारी देना आवश्यक है।

मान. मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि आज राष्ट्र के गौरव हमारे सम्मान शिक्षको का सम्मान होने जा रहा है, में सभी गुरूजन को प्रणाम करता हॅू, इस भारत देश की बुनियाद, आधारशीला व निर्माण में अग्रसर मान. गुरूजन है, ऐसे सम्मानीय गुरूजन के भारत निर्माण में योगदान के परिणाम स्वरूप भारत विश्व में अपना नेतृत्व कर रहा है। मान. मंत्री जी ने कहा कि परिवर्तन प्रकृति का नियम है, शिक्षक राष्ट्र निर्माण की बुनियाद है, शिक्षको की शिक्षा के परिणाम स्वरूप भारत विश्व पटल पर अपना नाम रोशन कर रहा है। गुरू की शिक्षा नीति के परिणाम स्वरूप विश्व में आए बदलाव का माध्यम युवा व विद्यार्थी हुए है।

महापौर श्री पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि आज देश के पूर्व राष्ट्रपति श्री सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस को शिक्षक दिवस के रूप में मनाते हुए, शिक्षको का सम्मान किया जा रहा है, मैं सभी शिक्षको को सादर वंदन करता हॅू। इंदौर नगर निगम हॉलिस्टीक एप्रोच के साथ आत्मनिर्भर इंदौर, सोलर सीटी, डिजिटल सिटी बनने को अग्रसर है, इसके साथ ही इंदौर आठवी बार भी स्वच्छता में देश में सबसे स्वच्छ शहर बनने को तैयार है, उन्होने कहा कि इंदौर में इसी माह 5 संजीवनी क्लीनिक को प्रारम्भ किया जा रहा है, साथ ही इंदौर के जितने भी शासकीय स्कुल है, उन्हे रिडेनसिफिकेशन के माध्यम से बेहतर शिक्षा हेतु माहौल देने के उददेश्य से शासकीय स्कुल भवनो को नई पहचान देने का काम किया जावेगा। उन्होने बताया कि इंदौर नगर निगम ने 1.50 लाख स्टीट लाईट को बदलकर राशि रूपये 22 करोड की विद्युत बचत को सुनिश्चित किया है, साथ ही वर्ष 2040 की जनसंख्या के मान से इंदौर को नर्मदा के चौथे चरण के माध्यम से जलप्रदाय सुनिश्चित करने की योजना को प्रारम्भ भी किया है। हम स्वच्छता के साथ ही विभिन्न विकास कार्यो में भी नंबर वन बनने को तैयार है। इंदौर देश में स्वच्छता मंे लगातार सात बार नंबर वन स्वच्छ शहर है, जिसमें इंदौर के शिक्षको का योगदान रहा है, उन्होने अपने विद्यार्थीयों को स्वच्छता का पाठ पढाया, जिसके परिणाम स्वरूप बच्चो में स्वच्छता के प्रति जागरूकता आई और उन बच्चो ने अपने घर में अपने बडो को भी स्वच्छता का पाठ पढाया, स्वच्छता के प्रति जागरूकता से इंदौर स्वच्छता में नंबर वन है।

शिक्षाविद श्री सत्यनारायण सत्तन गुरू जी ने कहा कि जो बोर्ड पर लिखा अपना ही मिटाकर एक नई इबारत लिखता है, ऐसे गुरू को मेरा प्रणाम, उन्होने कहा कि गुरू को जब गर्व महसुस होता है, जब वह किसी बाजार में चल रहा हो, और सामने से उसका शिष्य आए उसकी चरण वंदना करता है, तब वह सम्मान उसके लिये सबसे बडा होता है। शिक्षक को किसी सहारे की जरूरत नही होती है, उन्होने कहा कि गुरू कभी लघु नही होता है, जो लघु हो जाए वह शिक्षक नही होता है। जीवनकाल में तमाम विपदा को सहन करते हुए, भी शिक्षक राष्ट्र निर्माण में लगा रहता है, ऐसे शिक्षको को मेरा नमन।

सामान्य प्रशासन प्रभारी श्री नंदकिशोर पहाडिया कहा कि इंदौर शहर के समस्त शासकीय स्कुल में खेल गतिविधियों को बढावा देने के लिये महापौर श्री पुष्यमित्र भार्गव के निर्देशन में काम किया जाएगा, जिसके तहत जिन-जिन शासकीय स्कुल में खेल मैदान है वहां पर जनसहयोग से खेल सामग्री व खेल गतिविधियों संचालित की जावेगी। उन्होने बताया कि शिक्षक दिवस के अवसर पर रविन्द्र नाटयगृह में आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह में विभिन्न विद्यालय के प्राचार्य, उपप्राचार्य, व्याख्यता, शिक्षाविद, सहायक शिक्षक, शिक्षक, उच्च श्रेणी शिक्षक, प्रधान अध्यापको द्वारा स्कुल में बेहतर रिजल्ट देने के साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ठ कार्य करने वाले 175 शिक्षको को शॉल, श्रीफल, प्रशस्तित्र पत्र व मोमेन्टो देकर सम्मानित किया गया।