एक जनवरी तक बनाए जाएं 1 लाख मछुआ क्रेडिट कार्ड : सिलावट

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इंदौर (Indore News) : जल संसाधन, मछुआ कल्याण और मत्स्य विकास मंत्री श्री तुलसी राम सिलावट ने कहा कि आने वाला एक साल विकास कार्यों के लिए महत्वपूर्ण है। इसमें विभाग का हर स्तर पर कायाकल्प किया जाएगा और उपलब्धि के साथ मछुआरों को योजनाओं का लाभ दिलाया जाएगा। कोरोना काल में सभी प्रकार के काम रुक गए थे, विभागीय गतिविधि भी स्थगित थी इससे मछुआरों की आय भी प्रभावित हुई। वर्ष 2022 काम के लिए सही समय है।

इसमें मछली पालन और उत्पादन को उच्चतम स्तर पर ले जाना है। मंत्री श्री सिलावट ने कहा कि क्रेडिट कार्ड बनाने के लिए सभी अधिकारी प्राथमिकता से काम करें और दिसंबर, 2021 तक एक लाख मछुआरों के क्रेडिट कार्ड बनाए जाएँ। मार्च 22 तक लक्षित सभी मछुआरों को क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराए जाएँ। मछुआरों की आय में वृद्धि के लिए जरूरी है कि मछली पालन में नवाचार को अपनाया जाय और नई तकनीक से मछली पालन किया जाए। इसके लिए मछुआरों को प्रशिक्षित किया जाए और मार्केट भी उपलब्ध कराया जाए।

जिले में बेहतर काम करने वाले अधिकारियों को प्रदेश स्तर पर सम्मानित करेंगे
मंत्री श्री सिलावट ने कहा कि सभी जिले प्रतिस्पर्धा के साथ काम करें और सबसे अच्छा काम करने वाले अधिकारियों को प्रदेश स्तर पर सम्मानित किया जाएगा। मार्केट डिमांड के अनुसार मछली उत्पादन किया जाए, जिससे मछुआरों की आय और जीवन स्तर को बेहतर किया जा सके। मंत्री श्री सिलावट ने कहा कि प्रदेश में मत्स्य उत्पादन को बढ़ाया जाए और इसमें 50 प्रतिशत तक की वृद्धि के लिए कार्य-योजना बनाकर अमल में लाएँ। मत्स्य उद्योग संचालनालय के भोपाल स्थित कार्यालय में प्रदेश स्तरीय बैठक में संचालक भारत कुशवाह, प्रबंध संचालक श्री पुरुषोत्तम धीमान और विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

मंत्री श्री सिलावट ने मत्स्य विभाग के सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि मछली उत्पादन बढ़ाने के लिए अपना सर्वोत्तम देवें। उन्होंने मछुआ क्रेडिट कार्ड बनाने के निर्देश दिए और कहा प्रदेश के सभी जिलों में बैंको में विशेष शिविर लगाए जाएँगे। शुक्रवार को विशेष कैंप लगाए जाएँगे। उन्होंने कहा जिले के सभी अधिकारी यह भी सुनिश्चित करें कि मछुआ समिति को मछुआरे ही संचालित करें। अक्रियाशील समितियों को हटाया जाए। समितियों की शिकायतों पर कार्रवाई कर उसका त्वरित निराकरण किया जाए।

मंत्री श्री सिलावट ने विभाग द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए अधिकारियों को मछुआ समितियों के साथ बैठक करने के निर्देश दिए। साथ ही मछुआ क्रेडिट कार्ड बनानें के लिए मछुआरों के घर-घर सर्वे करने के लिए कहा। उन्होंने कहा सभी मछुआ समितियों के सदस्यों में क्रेडिट कार्ड से मिलने वाले लाभ के सम्बन्ध में जागरूकता बढ़ाई जाए।

मंत्री श्री सिलावट ने सीहोर, राजगढ़, रायसेन और विदिशा जिलों में मत्स्य बीज उत्पादन कम होने पर नाराजगी व्यक्त की और उत्पादन तथा प्रदेश में हेचरी को बढ़ाने के निर्देश भी दिए। भोपाल के पड़ोस के सभी जिलों में एक-एक नई हेचरी बनाने के निर्देश भी दिए। मंत्री श्री सिलावट ने कहा इस वर्ष मत्स्य उत्पादन 43 हजार टन है इसको 50 हजार टन तक बढ़ाया जाए। मंत्री श्री सिलावट ने प्रदेश में मछली उत्पादन बढ़ाने के लिए नई योजना बनाने हेतु सुझाव विभाग के संचालक को भेजने के निर्देश दिए, जिससे मछली उत्पादन बढ़ाकर मछुआरों की आर्थिक उन्नति की जा सके।