एमपी कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के खिलाफ FIR हुई दर्ज, सामने आई ये बड़ी वजह

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By Pinal PatidarPublished On: October 16, 2025

भोपाल में बुधवार को उस वक्त हलचल मच गई जब मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने किसानों के साथ केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के बंगले के बाहर प्रदर्शन किया। बिना अनुमति के हुए इस धरना-प्रदर्शन को लेकर टीटी नगर पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए जीतू पटवारी और कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष मुकेश नायक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली। पुलिस का कहना है कि यह प्रदर्शन बिना किसी पूर्व अनुमति के किया गया था, जिससे कानून-व्यवस्था बनाए रखने में मुश्किलें खड़ी हुईं।

फसलों के सही दाम नहीं मिलने पर किसानों का प्रदर्शन


इस प्रदर्शन की जड़ें किसानों की बढ़ती परेशानियों से जुड़ी हैं। जीतू पटवारी ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं और किसानों के साथ मिलकर यह धरना इसलिए दिया क्योंकि उनका आरोप है कि प्रदेश में किसानों को उनकी मेहनत का सही मूल्य नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि चाहे गेहूं हो, धान या प्याज — हर फसल पर किसान घाटे में जा रहा है, जबकि सरकार केवल आश्वासन दे रही है। किसानों की आवाज़ सरकार तक सीधे पहुंचाने के लिए यह विरोध किया गया।

कंधे पर गेहूं की बोरी लेकर पहुंचे जीतू पटवारी

जीतू पटवारी का यह विरोध प्रदर्शन कुछ अलग ही अंदाज़ में देखने को मिला। वे खुद अपने कंधे पर गेहूं की एक बोरी लेकर कृषि मंत्री के बंगले के बाहर पहुंचे। जब उन्हें अंदर जाने की अनुमति नहीं मिली, तो उन्होंने सड़क पर ही बोरी उलट दी और वहीं धरने पर बैठ गए। किसानों और पुलिस के बीच इस दौरान हल्की धक्का-मुक्की भी हुई। मौके पर अफसरों को हालात संभालने के लिए मशक्कत करनी पड़ी। यह दृश्य किसानों के गुस्से और निराशा की झलक साफ दिखा रहा था।

PCC दफ्तर से निकला आंदोलन का रास्ता

धरना शुरू करने से पहले जीतू पटवारी और किसान नेता धर्मेंद्र सिंह चौहान के नेतृत्व में करीब डेढ़ दर्जन किसान प्रदेश कांग्रेस कार्यालय (PCC) पहुंचे थे। यहां उन्होंने फसलों के समर्थन मूल्य, भावांतर योजना और किसानों की आर्थिक स्थिति को लेकर लंबी चर्चा की। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि किसानों की आवाज़ अब सड़कों से उठाई जाएगी। जीतू पटवारी ने कहा कि भावांतर योजना के ज़रिए शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने पहले भी किसानों को “मूल्य के नाम पर धोखा” दिया था और अब वही कहानी दोहराई जा रही है। इसके बाद उन्होंने तत्काल कृषि मंत्री के बंगले की ओर कूच करने की घोषणा की।

पुलिस ने बार-बार रोका, पर नहीं माने जीतू पटवारी

कांग्रेस कार्यकर्ताओं और किसानों के समूह को रोकने के लिए पुलिस ने रेड क्रॉस चौराहा और आसपास के इलाकों में बैरिकेडिंग की थी। पुलिस ने लगभग पांच बार जीतू पटवारी और उनके साथियों को रोकने की कोशिश की, लेकिन वे बार-बार बैरिकेड पार करते हुए आगे बढ़ते रहे। अंततः जब हालात तनावपूर्ण होते दिखे, तब केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद हस्तक्षेप किया और जीतू पटवारी सहित कुछ किसान प्रतिनिधियों को अपने घर बुलाकर बातचीत की। बताया जाता है कि दोनों के बीच करीब आधे घंटे चर्चा चली, जिसमें किसानों की समस्याओं और फसलों की कीमतों को लेकर बात हुई।

मुलाकात के बाद बोले पटवारी – “अगर गलती हुई हो तो माफ करें”

मुलाकात के बाद जब जीतू पटवारी मंत्री निवास से बाहर निकले तो उनका रुख शांत दिखाई दिया। उन्होंने मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों से कहा, “अगर मेरी किसी हरकत से किसी को असुविधा हुई हो, तो मैं माफ़ी चाहता हूं।” उन्होंने दोहराया कि उनका उद्देश्य किसी से टकराव नहीं था, बल्कि किसानों की आवाज़ सरकार तक पहुंचाना था। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि “किसानों की पीड़ा को समझे बिना कोई नीति सफल नहीं हो सकती। सरकार को अब जमीन पर उतरकर वास्तविक समस्याओं का हल निकालना चाहिए।”

FIR दर्ज, लेकिन राजनीतिक गर्मी बरकरार

हालांकि धरना खत्म हो गया, लेकिन इसका राजनीतिक असर अभी बाकी है। पुलिस ने बिना अनुमति धरना देने और सार्वजनिक अव्यवस्था फैलाने के आरोप में FIR दर्ज की है। वहीं कांग्रेस पार्टी इसे “लोकतांत्रिक आवाज़ को दबाने की कोशिश” बता रही है। पार्टी के नेताओं का कहना है कि किसानों के हक की बात करना अपराध नहीं हो सकता। दूसरी ओर, प्रशासन का तर्क है कि राजधानी में सुरक्षा कारणों से ऐसे प्रदर्शनों के लिए अनुमति जरूरी होती है। राजधानी भोपाल का यह घटनाक्रम आने वाले दिनों में प्रदेश की राजनीति में नई हलचल जरूर पैदा कर सकता है।