आप भी कहेंगे…नहीं चाहिए ऐसा बेटा! बुढ़ापे में वृद्धाश्रम में रहने को मजबूर दम्पति

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बुढ़ापे में लोगों को सहारे के लिए लाठी की नहीं बल्कि अपने साथियों के हाथों की जरूरत होती है। अधिकांश लोग बुढ़ापे में अपने माता-पिता की प्रेमपूर्वक सेवा करते हैं, उनकी जरूरतों और इच्छाओं का ध्यान रखते हैं। लेकिन कभी-कभी बच्चे अपने माता-पिता की मेहनत का बदला ऐसे चुकाते हैं कि आंखों में आंसू आ जाते हैं।

आप भी कहेंगे…नहीं चाहिए ऐसा बेटा!

ऐसी ही एक घटना नागपुर में भी घटी, जिसे आप पढ़ेंगे तो कहेंगे कि आपको ऐसा लड़का नहीं चाहिए!अपने बूढ़े माता-पिता की देखभाल करने के बजाय, एक बेटे ने अपने माँ बाप का घर और संपत्ति धोखे से बेच दिया। जिसके कारण बुजुर्ग दंपत्ति को वृद्धाश्रम में रहना पड़ा। यह सनसनीखेज वारदात नागपुर में हुई है। पुलिस ने इस मामले में अभिजीत निपाने के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और आगे की जांच की जा रही है।

‘धोखे से बेच दी माँ बाप की सम्पति’

आरोपी अभिजीत निपाने ने मौजा गोरेवाड़ा में दो प्लॉट 60-60 लाख रुपये में बेचे। एक अधिकारी ने कहा, इसके अलावा, उन्होंने ज़िंगाबाई टाकली इलाके में परिवार के घर पर भी अवैध रूप से कब्जा कर लिया।

‘वृद्ध दम्पति छोटे बेटे के घर रहने गया था’

मिली जानकारी के मुताबिक, पीड़ित दंपत्ति की पहचान मीना निपाने (70) और मुरलीधर के रूप में हुई है। मीना सेवानिवृत्त स्वास्थ्य विभाग अधिकारी हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान ये दोनों अपने छोटे बेटे अनिकेत के घर गोवा गए थे। उन्होंने कहा, लेकिन उनकी अनुपस्थिति का फायदा उठाकर उनके बड़े बेटे अभिजीत ने अन्य लोगों के साथ मिलकर धोखाधड़ी से निपाने की संपत्ति बेच दी।

‘बुढ़ापे में वृद्धाश्रम में रहने को मजबूर दम्पति’

12 मार्च 2024 को, निपाने दंपति नागपुर लौट आए, लेकिन तब अभिजीत ने अपने बुजुर्ग माता-पिता को अपने घर में प्रवेश करने से मना कर दिया। तब पता चला कि अभिजीत ने न केवल अपनी संपत्ति बेची थी बल्कि फर्जी आधार कार्ड समेत कानूनी दस्तावेज भी फर्जी बनाए थे। इससे दोनों को झटका लगा। अंततः उन्हें वृद्धाश्रम में रहना पड़ा।

इस मामले में बुजुर्ग दंपत्ति ने मनकापुर पुलिस से शिकायत दर्ज कराई है। इसके बाद अभिजीत और उसके साथियों के खिलाफ धोखाधड़ी समेत भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है और पुलिस आगे की जांच कर रही है।