ट्रंप के शपथ ग्रहण के दिन क्यों झुका रहेगा अमेरिका का झंडा? जानें क्या हैं वजह

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By Srashti BisenPublished On: January 6, 2025

अमेरिकी राजनीति में हमेशा चर्चा में रहने वाले डोनाल्ड ट्रंप आगामी 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। हालांकि, उनके शपथ ग्रहण समारोह के दौरान अमेरिकी झंडा आधा झुका रहेगा। यह निर्णय ट्रंप के लिए विवाद का कारण बन गया है। आइए जानते हैं कि इस फैसले के पीछे क्या कारण है और ट्रंप ने इसे लेकर क्या प्रतिक्रिया दी है।

ट्रंप के शपथ ग्रहण के दिन क्यों झुका रहेगा अमेरिका का झंडा

डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर इस निर्णय पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, “कोई इसे नहीं देखना चाहता और कोई भी अमेरिकी नागरिक यह देखकर खुश नहीं होगा। मेरे शपथ ग्रहण समारोह के दौरान अमेरिकी झंडे को आधे पर फहराया जाएगा। डैमोक्रेट्स को लगता है कि यह बहुत अच्छी बात है और सब इससे खुश होंगे, मगर सच तो यह है कि वे अपने देश से प्यार नहीं करते, वे सिर्फ अपने बारे में सोचते हैं। पिछले 4 सालों में उन्होंने अमेरिका की हालत खराब कर दी है।”

ट्रंप के शपथ ग्रहण के दिन क्यों झुका रहेगा अमेरिका का झंडा? जानें क्या हैं वजह

हालांकि ट्रंप ने इस निर्णय को बदलने की उम्मीद जताई थी, लेकिन व्हाइट हाउस ने इस मामले में स्पष्ट जवाब दिया है। अमेरिकी प्रेस सचिव कैरिन जीन पियरे ने कहा कि व्हाइट हाउस इस फैसले को पलटने पर विचार नहीं कर रहा है और अमेरिकी झंडा आधा झुका रहेगा, जैसा कि 30 दिनों के शोक दिवस की घोषणा के तहत किया गया है।

क्या है शोक दिवस की वजह?

दरअसल, अमेरिकी सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति जिमी कार्टर के निधन के बाद शोक दिवस का ऐलान किया था। 29 दिसंबर को जिमी कार्टर का निधन हुआ, जिसके बाद बाइडेन प्रशासन ने पूरे अमेरिका में शोक के प्रतीक के तौर पर झंडे को आधा झुका रखने का आदेश दिया। यह शोक दिवस 30 दिनों तक रहेगा, और इस दौरान अमेरिकी झंडा आधा झुका रहेगा। ट्रंप का शपथ ग्रहण समारोह इस शोक अवधि में आ रहा है, और इसलिए यह निर्णय लिया गया है।

जिमी कार्टर के अंतिम संस्कार में जाएंगे ट्रंप

हालांकि ट्रंप जिमी कार्टर के कड़े आलोचक रहे हैं, उन्होंने यह घोषणा की है कि वे कार्टर के छह दिवसीय अंतिम संस्कार में हिस्सा लेंगे। ट्रंप ने कहा, “मैं दार्शनिक और राजनीतिक रूप से उनसे पूरी तरह असहमत था, लेकिन वह अमेरिका से प्यार करते थे। उन्होंने हमारे देश के लिए कड़ी मेहनत की और इसे बेहतर बनाने का प्रयास किया। इसलिए मैं उन्हें अपना सर्वोच्च सम्मान देना चाहता हूं।”