SCO समिट : समरकंद एससीओ समिट में क्या हुआ अहम, तमाम बड़े नेता हुए शामिल

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By Rohit KanudePublished On: September 16, 2022

उज्बेकिस्तान के समरकंद में एससीओ समिट 15-16 सितंबर को आयोजन हो रहा हैं। इस कार्यक्रम में विभिन्न देश के प्रधानमंत्री शामिल हुए हैं। क्या आपको पता है कि ये एससीओ समिट आखिर है क्या? कैसे इस संगठन की शुरुआत हुई और इस संगठन का उद्देश्य क्या है? कौन-कौन से देश इसके सदस्य हैं और भारत इस संगठन के साथ कब जुड़ा और कैसे इसका स्थायी सदस्य बना। इन सब सवालों के जवाब आपको इस आर्टिकल मिलेंगे।

इतने देश के है सदस्य

इस संगठन की शुरूआत 1996 में हुई थी, तब यह शंघाई-5 के नाम से जाना जाता था। उस वक्त इसके सदस्य थे- चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गीस्तान और तजाकिस्तान शामिल थे। एससीओ का मकसद नसलीय और धार्मिक चरमपंथ का सामना करना था। इसी के साथ बिजनेस और निवेश को बढ़ाना भी इसका उद्देश्य था।

2001 में किया था ये बदलाव

SCO समिट : समरकंद एससीओ समिट में क्या हुआ अहम, तमाम बड़े नेता हुए शामिल

साल 2001 में एसीओ के नाम में बदलाव किया था। संगठन के पीछे की सोच ये थी कि सेंट्रल एशिया के ऐसे मुल्क जो नए-नए आजाद हुए थे और जिनकी सीमा रूस और चीन के साथ लगती थी उस सीमा पर तनाव को कैसे रोका जाए और कैसे सीमाओं का सुधार और उसका निर्धारण किया जाए। ये मकसद इस संगठन के बनने के पहले तीन साल के अंदर ही हासिल कर लिया गया था। इसके बाद इस संगठन का फोकस एनर्जी सप्लाई और आतंकवाद को खत्म करने की ओर शिफ्ट हो गया। इसे यूरेशियन पॉलिटिकल इकॉनमी और मिलिट्री ऑर्गेनाइजेशन समझा जाता है, क्योंकि इसमें यूरोप और एशिया दोनों ही तरफ के देश शामिल हैं।

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नाटो के दबाव को करना कम

एससीओ को एक तरह से अमेरिका के संगठन नाटो के दबाव को कम करने वाला संगठन भी माना जाता है। संगठन की क्या अहमियत है आप इसी बात से पता लगा सकते हैं कि फिलहाल इस संगठन में जितने देश शामिल हैं उनकी कुल आबादी दुनिया की 40 फीसदी है।

भारत को साल 2005 में किया शामिल

2001 में उज्बेकिस्तान को भी इसका सदस्य बना लिया गया तो वहीं साल 2005 में भारत और पाकिस्तान, दोनों देशों को इस संगठन में ऑब्जर्वर के तौर पर शामिल किया गया था और फिर 12 साल बाद यानी साल 2017 में दोनों देशों को पर्मानेंट मेंबर के तौर पर संगठन का हिस्सा बनाया गया था। भारत और पाकिस्तान के जुड़ते ही ये संगठन दुनिया के सबसे बड़े संगठनों में से एक बन गया था। शुरुआत से लेकर अब तक एससीओ समिट हर साल होता आ रहा है। ये चौथा मौका है जब भारत पर्मानेंट मेंबर के तौर इस समिट में हिस्सा ले रहा है।

फिलहाल इतने देश है शामिल

इस संगठन में 8 सदस्य हैं। चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, तजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, भारत और पाकिस्तान. इसके अलावा इस संगठन में 4 ऑब्जर्वर देश हैं- अफगानिस्तान, बेलारूस, मंगोलिया और ईरान। हालांकि ईरान को मेंबर बनाने की प्रक्रिया 2021 में ही शुरू कर दी गई है. इनके अलावा फिलहाल SCO Summit में 6 डायलॉग पार्टनर्स भी हैं. श्रीलंका, तुर्की, कंबोडिया, अजरबैजान, नेपाल और आर्मीनिया। इस समिट की जो टॉप काउंसिल होती हैं उसमें मेंबर देशों के राष्ट्रपति शामिल होते हैं। वहीं इस संगठन का हेडक्वार्टर चीन के बीजिंग में स्थित है।