चीन की नजर में रुस की जमीन, कब्जे का दावा

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By Mohit DevkarPublished On: July 5, 2020
china president shin jin ping

नई दिल्ली। भारत समेत कई देशों की जमीनों पर नजर गढ़ाएं रखने वाले चीन की नजर अब रुस पर भी पड़ गई है। दुनियाभर में कोरोना फैलाने के बाद अब चीन ने देशों से जमीने छीनना शुरु कर दिया है। भारत, म्यांमार, जापान के बाद अब चीन अब रूस पर अपना कब्जा चाहता है।

दरअसल रूस के शहर व्लादिवोस्तोक शहर पर चीन दावा कर रहा है कि वह उसकी जमीन है। इतिहास के पन्नों को देखे तो यह शहर कभी किंग राजवंश से संबंधित था। रूस ने द्वितीय अफीम युद्ध में चीन को हराने के बाद इस क्षेत्र पर नियंत्रण स्थापित कर लिया था। जिसके कारण चीन को यह क्षेत्र रूस को देना पड़ा।

चीन की नजर में रुस की जमीन, कब्जे का दावा

1860 में इस क्षेत्र के लिए दोनों देशों के बीच एक संधि हुई थी। तब से यह शहर रूस के आधिपत्य में है लेकिन चीन ने इस संधि को मानने से इनकार कर दिया है। चीन का कहना है कि इस शहर को पहले हैशेनवाई के नाम से जाना जाता था जिसे रूस ने एकतरफा संधि के तहत चीन से छीन लिया था। चीन के मुताबिक व्लादिवोस्तोक पर रूस का 160 साल से कब्जा है।

बता दें कि बीते कई दिनों से चीन भारत की सीमाओं पर गलवान घाटी पर भी कब्जा करने की लगातार कोशिश कर रहा है। वहीं भारतीय जवान चीन की किसी कोशिश को पूरा नहीं होने दे रहे हैं। जिससे बोखलाए चीन ने सीमाओं पर तनाव बढ़ा रखा है।