PM मोदी ने बाली में भारतीय मूल के लोगों को संबोधित करते हुए कहा ‘समंदर की विशाल लहरों ने भारत और इंडोनेशिया के संबंधों को जोड़े रखा’

Author Picture
By Shivani RathorePublished On: November 15, 2022

ज्ञातव्य है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बाली, इंडोनेशिया में जी-20 शिखर सम्मेलन में उपस्थित है। इस अवसर इंडोनेशिया में भारी तादाद में रहने वाले भारतीय मूल के लोगों को प्रधानमंत्री मोदी ने सम्बोधित किया । इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने इंडोनेशिया और भारत के संबंधों को लेकर विशेष दिलजस्प बातें की। पीएम मोदी ने कहा कि जिस जगह के साथ भारत का हजारों वर्षों से रिश्ता रहा हो, जहां सैकड़ों पीढ़ियां गुजर गई, लेकिन जहां के लोगों ने अपनी परंपरा को जीवित रखा वहां के लोग, उस धरती पर आकर एक अलग ही आनंद मिलता है। उन्होंने आगे कहा कि कई पीढ़ियां गुजर गईं लेकिन आपने कभी भी अपनी परंपरा को ओझल नहीं होने दिया। इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा समंदर की विशाल लहरों ने भारत और इंडोनेशिया के संबंधों को जोड़े रखा’PM मोदी ने बाली में भारतीय मूल के लोगों को संबोधित करते हुए कहा 'समंदर की विशाल लहरों ने भारत और इंडोनेशिया के संबंधों को जोड़े रखा'

Also Read-IMD & mp weather Update : मध्य प्रदेश के इस जिले में 7 डिग्री तक लुढ़का पारा , जानिए किन राज्यों में हुई शुरू कड़ाके की ठंड

लगे वन्दे मातरम् और मोदी-मोदी के नारेPM मोदी ने बाली में भारतीय मूल के लोगों को संबोधित करते हुए कहा 'समंदर की विशाल लहरों ने भारत और इंडोनेशिया के संबंधों को जोड़े रखा'

बाली, इंडोनेशिया में जी-20 शिखर सम्मेलन में भारतीय मूल के लोगों को सम्बोधित करने पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम स्थल पर पहुंचते ही वहां उपस्थित भारतीय मूल के इंडोनेशियाई लोगों ने वन्देमातरम, भारत माता की जय और मोदी-मोदी के नारों से पूरा माहौल गूंजा दिया। इस दौरान इंडोनेशियाई भारतीय मूल के लोगों का उत्साह देखने लायक रहा और साथ ही पीएम मोदी ने भी पूरी गर्मजोशी से इस कार्यक्रम में सहभागिता और साथ ही अपना सम्बोधन प्रस्तुत किया।

PM मोदी ने बाली में भारतीय मूल के लोगों को संबोधित करते हुए कहा 'समंदर की विशाल लहरों ने भारत और इंडोनेशिया के संबंधों को जोड़े रखा'

Also Read-सुप्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा में पहुंचा विषधर सांप, जय नाग देवता के नारों के साथ बोले भक्त ‘श्री शिवाय नमस्तुभ्यम’