क्या आप जानते है कई ऐसे देश है जहाँ नहीं मनाया जाता क्रिसमस का त्यौहार जाने वजह

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By Pallavi SharmaPublished On: December 25, 2022

हर साल 25 दिसंबर को पूरी दुनिया क्रिसमस डे के तौर पर मनाती है. 24 दिसंबर की शाम से इस त्योहार का जश्न शुरू हो जाता है. ईसाई समुदाय के लोग इसे यीशू मसीह के जन्मदिवस के रूप में मनाते हैं, शुरुआत में ईसाई समुदाय के लोग यीशू यानि ईसा मसीह के जन्मदिन को एक त्योहार के रूप में नहीं मनाते थे, लेकिन, चौथी शताब्दी के आते-आते उनके जन्मदिन को एक त्योहार के तौर पर मनाया जाने लगा.क्रिसमस का त्यौहार लगभग हर देश में मनाया जाता है, लेकिन कुछ ऐसे देश भी हैं जहां क्रिसमस सेलिब्रेशन पूरी तरह बैन है. वजह जानकरआप भी हैरान रह जायँगे

भूटान – भूटान में बौध धर्म को मानने वाली आबादी ज्यादा है. ईसाई धर्म के लोग एक प्रतिशत से भी कम है. इतना ही नहीं भूटान कैलेंडर में क्रिसमस को स्थान भी नहीं दिया गया है.b – पाकिस्तान में भले ही 25 दिसंबर के दिन छुट्‌टी होती है लेकिन इस दिन को लोग मोहम्मद अली जिन्ना की जयंती के रूप में मनात हैं. यहां क्रिसमस का कोई खास सेलिब्रेशन नहीं होता.

सोमालिया – 2015 के आसपास अफ्रीकी देश सोमालिया में धार्मिक कानून लगने के बाद यहां क्रिसमस का त्योहार मनाने पर प्रतिबंध लगा दिया था. धार्मिक भावना के कारण यहां क्रिसमस डे नहीं मनाते.

अफगानिस्तान – किसमस ईसाई धर्म का खास फेस्टिवल है और अफगानिस्तान में ईसाई और मुस्लिम धर्म के बीच सालों से चले आ रहे विवाद के चलते यहां क्रिसमस नहीं मनाया जाता. अफगानिस्तान इस्लामी देश है और यहां रहने वाले मुस्लिम धर्म के लोग ईसाईयों के त्योहार मनाने के विरुद्ध हैं.

 

 

चीन – चीन भी उन्हीं देशों में शामिल हैं जहां क्रिसमस नहीं मनाया जाता. चीन किसी भी धर्म को नहीं मानता, इसलिए यहां क्रिसमस का सेलिब्रेशन नहीं होता. चीन में तो क्रिसमस सामान्य वर्किंग डे है.

 

कौन थे सेंटा क्लॉज ?

क्रिसमस को खास उसकी परम्पराएं बनाती हैं. इनमें एक संता निकोलस हैं, जिनका जन्म ईसा मसीह की मृत्यु के लगभग 280 साल बाद मायरा में हुआ था. उन्होंने अपना पूरा जीवन यीशू को समर्पित कर दिया. उन्हें लोगों की मदद करना बेहद पसंद था. यही वजह है कि वो यीशू के जन्मदिन के मौके पर रात के अंधेरे में बच्चों को गिफ्ट दिया करते थे. इस वजह से बच्चे आज भी अपने संता का इंतजार करते हैं.

क्रिसमस ट्री का भी महत्व

दूसरी अहम परंपरा क्रिसमस ट्री की है. यीशू के जन्म के मौके पर एक फर के पेड़ को सजाया गया था, जिसे बाद में क्रिसमस ट्री कहा जाने लगा. इसके अलावा एक और परंपरा कार्ड देने की है. इस दिन लोग एक कार्ड के जरिए अपनों को शुभकामनाएं देते हैं. बता दें कि पहला क्रिसमस कार्ड 1842 में विलियम एंगले ने भेजा था.