विश्व युवा कौशल दिवसः स्थानीय युवाओं के सशक्तिकरण के लिए वेदांता एल्यूमिनियम ने प्रभावशाली कौशल विकास पहलों की घोषणा की

Shivani Rathore
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‘विश्व युवा कौशल’ दिवस के मौके पर भारत की सबसे बड़ी एल्यूमिनियम उत्पादक वेदांता एल्यूमिनियम ने युवा सशक्तिकरण के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए अपनी सभी लोकेशनों पर कौशल विकास कार्यक्रमों के विस्तार की घोषणा की है। इन कार्यक्रमों का लक्ष्य है ग्रामीण युवाओं की कौशल वृद्धि, प्लेसमेंट-लिंक्ड प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से उन्हें अकुशल श्रेणी से अर्ध-कौशल श्रेणी में लाया जाता है।

इस लक्ष्य की दिशा में कंपनी ने कई प्रतिष्ठित प्रशिक्षण संस्थानों के साथ सहयोग किया है जैसे नेशनल बैंक फॉर ऐग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट (नाबार्ड), ओडिशा स्किल डेवलपमेंट अथॉरिटी (ओएसडीए) और स्किल डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट (एसडीआई) आदि। इन प्रयासों के जरिए वेदांता एल्यूमिनियम भारत के युवाओं को मदद दे रही है कि वे स्थिर आजीविका अर्जित कर सकें और अपने समुदायों व राष्ट्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान दे सकें।

एक मजबूत कौशल ढांचे का पालन करते हुए वेदांता एल्यूमिनियम अपनी कौशल विकास पहलों एवं संस्थागत सहयोगों के द्वारा अब तक लगभग 14,000 युवाओं को प्रशिक्षित कर चुकी है। प्रशिक्षु जब अनुभव प्राप्त करते हैं और अपने कौशल में सुधार करते हैं तो वे अच्छी आय वाली नौकरियों के पात्र हो जाते हैं, जिससे उन्हें सुरक्षित रोजगार मिलता है और समय के साथ-साथ उनकी वेतन वृद्धि भी होती है।

जब इन प्रशिक्षुओं की सफलता दिखाई देती है तो इससे सीखने की संस्कृति को बढ़ावा मिलता है, इलाके के अन्य युवा भी इन कार्यक्रमों के नामांकन के लिए प्रोत्साहित होते हैं, फलस्वरूप निरंतर सुधार की राह बनती है। इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों में उन ट्रेड्स को शामिल किया जाता है जिनकी बाजार में निरंतर मांग रहती है, ये कार्यक्रम सुनिश्चित करते हैं कि सतत् रोजगार संभावनाएं बनी रहें जो उद्योग की आवश्यकताओं की पूर्ति करें।

वेदांता एल्यूमीनियम के सीईओ जॉन स्लेवन ने कहा, ’’हमारा ध्येय है कि जहां हमारा प्रचालन है उन क्षेत्रों में सामाजिक-आर्थिक स्तर में बेहतरी के लिए युवा आबादी को कुशल बनाया जाए। हम उन्हें ऐसे कौशल प्रदान करते हैं जो बाजार के लिए उपयोगी होते हैं। हम निरंतर सीखने की संस्कृति को प्रोत्साहित करते हैं। इस तरह हम न केवल उन्हें उनका भविष्य सुरक्षित करने में मदद कर रहे हैं बल्कि देश के दूरस्थ इलाकों को सामाजिक-आर्थिक मुख्यधारा में भी लेकर आ रहे हैं।

अब तक हम तकरीबन 14,000 युवाओं को प्रशिक्षित कर चुके हैं तथा विश्व युवा कौशल दिवस के मौके पर हम कौशल की कमी दूर करने और भारत में लीडरों एवं आविष्कारकों की अगली पीढ़ी को आकार देने में मदद हेतु अवसरों की रचना के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हैं।’’

ओडिशा में विभिन्न स्थानों पर वेदांता के कौशल कार्यक्रम:

  • कालाहांडी जिले के लांजिगढ़ में स्थित एल्यूमिना रिफाइनरी के इर्दगिर्द वेदांता एल्यूमिनियम का लक्ष्य है अगले तीन वर्षों में 3500 युवाओं के कौशल को अपग्रेड करना। कंपनी यह कार्य ओएसडीए और नाबार्ड के सहयोग से करेगी।
  • लाजिंगढ़ और भवानीपटना स्थित कौशल प्रशिक्षण केन्द्र फूड एवं बेवरेज, हॉस्पिटेलिटी, इलेक्ट्रिकल मेन्टिनेंस आदि प्रशिक्षण कोर्स कराते हैं। इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों को पूरा कर चुके युवाओं ने प्रतिष्ठित संगठनों में प्लेसमेंट हासिल किए हैं जैसे क्लब महिन्द्रा, मिनर्वा ग्रुप ऑफ होटल्स एवं रेस्टोरेंट्स, होंडा शोरूम, सरोवर होटल्स एंड रिज़ॉर्ट्स। इस वित्तीय वर्ष में इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों ने 77 प्रतिशत की सफल प्लेसमेंट दर्ज की है।
  • झारसुगुडा, ओडिशा के एल्यूमिनियम प्लांट में कंपनी ने लाइट मोटर व्हीकल एवं हैवी मोटर व्हीकल ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए अशोक लेलैंड और राज्य सरकार के साथ सहयोग किया है। कई प्रशिक्षुओं को वेदांता के प्रचालनों एवं नजदीकी उद्योगों में नियुक्ति मिल चुकी है।
  • वेदांता युवाओं को वर्ल्ड स्किल सेंटर, भुवनेश्वर में मेकाट्रोनिक्स, मैकेनिकल एवं इलेक्ट्रिकल सेवाओं में भी प्रशिक्षण प्रदान करती है।
  • सुंदरगढ़ (ओडिशा) के जमखानी स्थित खनन प्रचालनों में वेदांता एल्यूमिनियम ने एसडीआई, भुवनेश्वर तथा स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट, बालनगीर के संग भागीदारी की है जिसके तहत 60 से ज्यादा युवाओं को विविध कार्यक्रमों में प्रशिक्षित किया जाएगा। ये कार्यक्रम कामयाब रहे हैं, ज्यादा प्रशिक्षित युवाओं को ट्रेनिंग के बाद अच्छी नौकरी मिल चुकी है।

छत्तीसगढ़ के कोरबा में वेदांता की विनिर्माण इकाई है..

  • इसकी इकाई बाल्को ग्रामीण युवाओं, स्कूल बीच में ही छोड़ चुके युवाओं और बेरोजगार आबादी को अपने तीन वेदांता स्किल स्कूलों के जरिए व्यावसायिक प्रशिक्षण दे रही है। ये स्कूल उपयोगी ट्रेड्स में कौशल प्रदान करते हैं जैसे इलेक्ट्रिकल मेन्टिनेंस, वैल्डिंग, हॉस्पिटेलिटी, फिटर व सोलर टेक्नीशियन तथा उन्हें रोजगार के अच्छे अवसरों से जोड़ते हैं। वित्तीय वर्ष 2024 में 81 प्रतिशत प्रशिक्षुओं ने या तो नौकरी हासिल की या फिर अपना उद्यम शुरु किया।

आंध्र प्रदेश में वेदांता वाइज़ैग जनरल कार्गो बर्थ (वीजीसीबी) पोर्ट प्रचालन करती है..

  • कंपनी ने वेदांता फाउंडेशन के सहयोग से क्वीन मेरी गवर्नमेंट हाई स्कूल में एक अत्याधुनिक कंप्यूटर लैब स्थापित की है। इस लैब ने 1100 से अधिक युवा लाभार्थियों को सशक्त किया है जिससे इस क्षेत्र में डिजिटल विभाजन को कम करने में खास मदद मिली है।
  • कंपनी ने सेंटर ऑफ ऐक्सीलेंस फॉर मेरिटाईम एंड शिपबिल्डिंग (सीईएमएस) के साथ भागीदारी की है जिसके तहत 100 युवाओं को कंप्यूटर न्यूमेरिकल कंट्रोल (सीएनसी) ऑपरेटर, इलेक्ट्रिशियन और इन्वेंट्री कंट्रोलर का प्रशिक्षण एवं प्लेसमेंट दिया जाएगा; गौर तलब है कि इन्वेंट्री कंट्रोलर ट्रेनिंग बैच में केवल महिला उम्मीदवार होंगी।

वेदांता लिमिटेड की इकाई वेदांता एल्यूमिनियम भारत की सबसे बड़ी एल्यूमिनियम उत्पादक है। वित्तीय वर्ष 23 में 22.9 लाख टन उत्पादन के साथ कंपनी ने भारत के कुल एल्यूमिनियम का आधे से ज्यादा हिस्सा उत्पादित किया। यह मूल्य संवर्धित एल्यूमिनियम उत्पादों के मामले में अग्रणी है जिनका उपयोग कई अहम उद्योगों में किया जाता है।

वेदांता एल्यूमिनियम को एल्यूमिनियम उद्योग में एस एंड पी ग्लोबल कॉर्पोरेट सस्टेनेबिलिटी असैसमेंट 2023 में पहली वैश्विक रैंकिंग मिली है, यह उपलब्धि कंपनी की सस्टेनेबल विकास प्रक्रियाओं को प्रतिबिम्बित करती है। भारत में अपने विश्वस्तरीय एल्यूमिनियम स्मेल्टर्स और एल्यूमिना रिफाइनरी के साथ कंपनी हरित भविष्य के लिए विभिन्न कार्यों में एल्यूमिनियम के प्रयोग को बढ़ावा देने और इसे ’भविष्य की धातु’ के रूप में पेश करने के अपने मिशन में लगातार आगे बढ़ रही है।