नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल को पार्टी से निकाल कर भाजपा ने क्या संदेश दिया है?

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अर्जुन राठौर। आज की सबसे बड़ी चौकाने वाली खबर यह है कि भारतीय जनता पार्टी ने अपनी तेजतर्रार प्रवक्ता नूपुर शर्मा और नवीन कुमार जिंदल को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित करते हुए पदों से भी हटा दिया है। कुल मिलाकर भारतीय जनता पार्टी के इस कदम को लेकर राजनीतिक हलकों में कई तरह की चर्चाएं चल रही है कि आखिर भारतीय जनता पार्टी ने इन दोनों को हटाकर पार्टी कार्यकर्ताओं को तथा देश के लोगों को कौन सा संदेश पहुंचाने की कोशिश की है ?

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उल्लेखनीय है कि नूपुर शर्मा ने एक समुदाय को लेकर बेहद आपत्तिजनक बयान दिया था और इस वजह से उनके खिलाफ कई पुलिस थानों में रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई थी भारतीय जनता पार्टी ने इन दोनों को पार्टी से निकालने के साथ ही यह भी कहा है कि भाजपा सभी धर्मों का सम्मान करने में विश्वास रखती है भाजपा के इस कथन के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि भारतीय जनता पार्टी अपने किसी भी कार्यकर्ता या नेताओं को किसी दूसरे धर्म का अपमान करने की इजाजत नहीं देगी ।

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अभी 2 दिन पहले ही संघ प्रमुख मोहन भागवत ने यह बयान दिया कि हर धर्म स्थल के नीचे शिवलिंग को नहीं खोजना चाहिए उनके इस बयान के बाद यह स्पष्ट हो गया था कि भारतीय जनता पार्टी इस तरह की बातों को बढ़ावा नहीं देना चाहती भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा अपने विवादास्पद बयानों के लिए पहले भी चर्चा के केंद्र में रही है लेकिन इस बार भारतीय जनता पार्टी ने उनके इस बयान पर घोर आपत्ति जताते हुए सबसे पहले उन्हें मीडिया प्रभारी पद से हटाया और इसके बाद उनकी प्राथमिक सदस्यता भी 10 साल के लिए समाप्त कर दी । नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल के खिलाफ भाजपा की इस कार्रवाई ने यह साबित कर दिया है कि भारतीय जनता पार्टी आने वाले समय में इस तरह के विवादास्पद बयान देने वाले नेताओं को बाहर का रास्ता दिखा सकती है ।