चुनाव में पोलिंग एजेंट और काउंटिंग एजेंट में क्या होता है अंतर, जानिए इनकी भूमिका

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आज देश में 7 चरणों में हुए लोकसभा चुनाव 2024 के परिणाम घोषित किए जा रहे हैं इन परिणामों का इंतजार पूरा देश लंबे समय से कर रहा था। लेकिन क्या आप जानते हैं मतदान के दौरान, चुनाव अधिकारियों के अलावा, पोलिंग बूथ और मतगणना केंद्रों पर कुछ महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाने वाले पोलिंग एजेंट और काउंटिंग एजेंट भी मौजूद होते हैं।

लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन दोनों भूमिकाओं में क्या अंतर होता है? आइए, इस लेख में हम पोलिंग एजेंट और काउंटिंग एजेंट के बारे में विस्तार से जानेंगे और इनकी भूमिकाओं को समझेंगे।

पोलिंग एजेंट:

कौन होते हैं? पोलिंग एजेंट वे लोग होते हैं जिन्हें उम्मीदवारों द्वारा मतदान प्रक्रिया की निगरानी के लिए नियुक्त किया जाता है।
क्या करते हैं? पोलिंग एजेंट मतदान के दौरान निम्नलिखित कार्य करते हैं:
मतदाताओं की पहचान सत्यापित करते हैं।
यह सुनिश्चित करते हैं कि मतदान प्रक्रिया निष्पक्ष और सुचारू रूप से चले।
किसी भी अनियमितता या मतदान से जुड़ी समस्याओं की रिपोर्ट चुनाव अधिकारी को करते हैं।
कैसे बनें? पोलिंग एजेंट बनने के लिए, उम्मीदवार को चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित फॉर्म में आवेदन करना होता है। आवेदक को उस क्षेत्र का मतदाता होना चाहिए जहां वह चुनाव लड़ रहा है।
महत्व: पोलिंग एजेंट चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

काउंटिंग एजेंट:

कौन होते हैं? काउंटिंग एजेंट वे लोग होते हैं जिन्हें उम्मीदवारों द्वारा मतगणना प्रक्रिया की निगरानी के लिए नियुक्त किया जाता है।
क्या करते हैं? काउंटिंग एजेंट मतगणना के दौरान निम्नलिखित कार्य करते हैं:
मतों की गिनती की प्रक्रिया का निरीक्षण करते हैं।
यह सुनिश्चित करते हैं कि मतगणना प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से हो।
किसी भी अनियमितता या मतगणना से जुड़ी समस्याओं की रिपोर्ट चुनाव अधिकारी को करते हैं।
कैसे बनें? काउंटिंग एजेंट बनने के लिए, उम्मीदवार को चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित फॉर्म में आवेदन करना होता है। आवेदक को उस क्षेत्र का मतदाता होना चाहिए जहां वह चुनाव लड़ रहा है।
महत्व: काउंटिंग एजेंट यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं कि मतगणना प्रक्रिया निष्पक्ष और सही तरीके से हो।